किसी मासूम की जिंदगी को अधर में लटकाना, कतई नहीं हो सकती खोजी पत्रकारिता
जीवन और मौत से जूझ रहा है नन्हा अयांश
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : बिहार के पटना का लगभग ग्यारह महीने का अयांश, कातर आंखों से लोगों को, इस उम्मीद से देख रहा है कि सभी मिल कर उसकी जिंदगी को बचा लेंगे। मासूम अयांश, अति दुर्लभ बीमारी एसएमए टाईप 1 से ग्रसित है। अयांश को बचाने के लिए, बिहार के कई पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन और कई अन्य लोगों ने अगस्त महीने के शुरू से ही एक बड़ा अभियान छेड़ रखा था। सोसल प्लेटफॉर्म के जरिये क्राउड फंडिंग किये जा रहे थे। इस क्राउड फंडिंग के माध्यम से काफी तेजी से सात करोड़ रुपये जमा हो गए। लेकिन दुर्भाग्य और विडम्बना कहिये कि इस क्राउड फंडिंग पर कई तथाकथित कुछ यूट्यूबर पत्रकारों ने अयांश की बीमारी और इस क्राउड फंडिंग पर ही सवाल खड़े कर दिए। इस सवाल से बिहार सहित देश और विदेशों में बसे भारतीय लोगों पर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ा। इन यूट्यूबर पत्रकारों ने अयांश के पिता को बड़ा ठग बताया और उनकी जाति यादव बता कर, क्राउड फंडिंग के गर्म माहौल को शिथिल और ठंढ़ा कर दिया। अयांश के पिता आलोक कुमार सिंह पर एक कोचिंग संस्थान के संचालन में धोखाधड़ी का केस 2011 और 12 में झारखण्ड के राँची और पटना में दर्ज हुए थे। आलोक कुमार सिंह पर पुलिस, या फिर अदालत का कोई दबाब नहीं था लेकिन उनके बेटे की जिंदगी किसी तरह से बच जाए, इसके लिए उन्होंने रांची जिला सत्र न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। आलोक कुमार सिंह को जेल भेज दिया गया है। आलोक कुमार सिंह ने जेल जाते हुए कहा था कि जब तक उनके बेटे को जीवनदान नहीं मिलेगा, वे अपनी जमानत का प्रयास नहीं करेंगे। लेकिन बेशर्मी की इंतहा है कि आलोक कुमार सिंह के जेल जाने के बाद भी, युट्यूबर्स खेमा ने आलोक कुमार सिंह की पत्नी नेहा सिंह और अयांश की बीमारी को लेकर कई तरह की भ्रामक बातों का प्रसार शुरू कर दिया। अयांश का ईलाज पहले बंगलुरू के निमांस हॉस्पिटल में हुआ था। निमांस के द्वारा जारी सर्टिफिकेट पर भी सवाल खड़े किए जाने लगे। थक-हार कर अयांश की माँ एम्स दिल्ली गयी और अयांश को वहाँ दिखलाया। निमांस की तर्ज पर एम्स ने भी अयांश को एसएमए टाईप 1 बीमारी की पुष्टि की। इस बीमारी के लिए 16 करोड़ का अमेरिकी इंजेक्शन लगना है, जिसके लिए क्राउड फंडिंग की जा रही थी। जिस बच्चे को बचाने के लिए पूरे बिहार को एक होना चाहिए था, उसको कुछ युट्यूबर्स ने छिन्न-भिन्न कर डाला। बेचारी माँ, अयांश की बीमारी को सत्यापित करने के लिए सर्टिफिकेट ही बटोर रही है। आलम यह है कि कड़ी धूप में नेहा सिंह, अयांश को लेकर दिन भर, अलग-अलग बाजारों में घूम कर चंदा माँग रही है। अपने बच्चे को बचाने के लिए, नेहा सिंह को कोई रास्ता ही नहीं दिख रहा है। बेहद शर्मनाक बात है कि नेहा सिंह धूप में अयांश को लेकर ऐसे घूमती रही, जिसके परिणामस्वरूप तीन दिन पहले उसे बुखार हो गया और उसका ऑक्सीजन लेवल 80 के आस-पास आ गया। नेहा सिंह ने अयांश को पटना के उद्द्यन अस्पताल में भर्ती कराया। अयांश को निमोनिया हो गया है। गम्भीर बीमारी से जूझते अयांश को निमोनिया होना, बेहद दुःखद है। नेहा सिंह काफी परेशान हैं और लगातार रोती रहती हैं। हमने नेहा सिंह से मोबाईल के जरिये बात की। नेहा सिंह ने रोते हुए अयांश की खराब स्थिति के बारे में हमें बताया। नेहा सिंह ने कहा कि जब तक क्राउड फंडिंग नहीं होगी, अयांश नहीं बच पायेगा। नेहा ने हमसे कहा कि हम कुछ ऐसा करें जिससे फिर से क्राउड फंडिंग शुरू हो जाये। अयांश की ताजा स्थिति से हम भी बेहद दुःखी हैं। हम इस खबर के जरिये, उन तमाम युट्यूबर्स से आग्रह करते हैं कि जिस किसी भी कारण से उन्होंने, अयांश के मामले में मदद करने और कराने की जगह, तरह-तरह की सर्जरी की है, वे आगे आएं। अब वे सारे युट्यूबर्स और अन्य लोग, जिनकी वजह से क्राउड फंडिंग को झटका लगा है, वे सभी मिल कर, देश के लोगों से अयांश के लिए फंडिंग करने की अपील करें। अगर उन्हें, इस बात का अहसास हुआ है कि खोजी पत्रकारिता के नाम पर उनसे गुनाह हुआ है, तो वे जोरदार क्राउड फंडिंग करा के प्रायश्चित करें। पब्लिसिटी और अयांश के नाम पर धन उगाही की जगह, अयांश के लिए पैसे जमा करने का संकल्प लेने के बाद ही, क्राउड फंडिंग का रास्ता साफ होगा और उसे गति भी मिलेगी। अगर अयांश की जिंदगी नहीं बच पाती है तो, इसके लिए जो-जो गुनहगार होंगे, ईश्वर उन्हें कभी भी माफ नहीं करेंगे।
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