Breaking News

बिहार में पूरी तरह से दरकने लगा है महागठबंधन

उपचुनाव के दो सीटों पर राजद और कॉंग्रेस है आमने-सामने

वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों, कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उपचुनाव होने वाले हैं। एनडीए की तरफ से जदयू ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर जदयू के प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की थी। जदयू के महेश्वर हजारी ने कुशेश्वर स्थान और मेवा लाल चौधरी ने तारापुर से जीत हासिल की थी लेकिन दोनों का असामयिक निधन हो गया, जिसके कारण उप चुनाव की नौबत आई है। जदयू ने कुशेश्वर स्थान सुरक्षित सीट से अमन हजारी और तारापुर से राजीव कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। इन दोनों सीटों को लेकर महागठबंधन में दो फाड़ हो गया है। राजद ने रविवार को इन दोनों सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राजद ने तारापुर से अरुण साह और कुशेश्वर स्थान सुरक्षित सीट से गणेश भारती को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कुशेश्वर स्थान सुरक्षित सीट कॉंग्रेस के हिस्से में थी। जाहिर सी बात है कि कॉंग्रेस किसी भी कीमत पर दरभंगा के कुशेश्वरस्थान सीट पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। बिहार कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने तो, यहाँ तक कह दिया है कि इन दोनों सीटों पर एक-दो दिनों में कॉंग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने जा रही है। उन्होंने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय, महागठबंधन को राजद के डिक्टेटरशिप की कीमत चुकानी पड़ी थी। पहले जीतन राम मांझी ने किनारा किया, फिर उपेंद्र कुशवाहा ने दूसरी राह पकड़ ली। आखिर में मुकेश साहनी ने भी एनडीए का था दामन थाम लिया। दीगर बात है कि एनडीए में इन दिनों ऑल इज वेल की स्थिति है, वहीँ महागठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं है। कॉंग्रेस राजद पर दबाब बनाना चाहती थी, पर राजद किसी भी कीमत पर इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की जीत चाहता है। इसी कारण से राजद ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

खबर यह भी मिल रही है कि राजद चीफ लालू प्रसाद यादव इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की चुनावी सभाओं को संबोधित भी करेंगे। लालू प्रसाद यादव, बहुत जल्द दिल्ली से बिहार आ रहे हैं। तारापुर विधानसभा क्षेत्र से पिछली बार राजद ने अपने कद्दावर नेता जयप्रकाश नारायण यादव के पुत्री को टिकट दिया था लेकिन इस बार राजद ने यहाँ से एक नए उम्मीदवार को टिकट दिया है। तारापुर कुशवाहा और यादव मतदाता बहुल क्षेत्र है। यहाँ से यादव और कुशवाहा समाज के लोग ही चुनाव जीतते आए हैं। लेकिन राजद ने इस बार नया प्रयोग करते हुए तारापुर विधानसभा क्षेत्र से बनिया समाज के व्यक्ति को टिकट दिया है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि यह सब स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं के द्वारा मिले फीडबैक के आधार पर निर्णय लिया गया है। लड़ाई दोनों सीटों पर काफी टफ होने वाली है। कॉंग्रेस के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने हमसे हुई बातचीत के दौरान कहा है कि उनकी पार्टी अब केवल कुशेश्वरस्थान ही नहीं बल्कि तारापुर विधानसभा सीट से भी अपने उम्मेदवार उतारेगी। अजीत शर्मा ने कहा कि राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है। 2020 के विधानसभा चुनाव के समय ही यह तय हुआ था कि तारापुर सीट राजद के हिस्से में रहेगी और कुशेश्वर स्थान सीट से कॉंग्रेस अपना कैंडिडेट देगी। लेकिन रविवार को अचानक प्रेस कांफ्रेंस कर राजद ने इन दोनों ही सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, जो कि बेहद आश्चर्य की बात है।अजीत शर्मा ने कहा कि कुशेश्वरस्थान कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। चूंकि राजद ने वहाँ भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। उस सीट से कॉंग्रेस के अशोक राम, हर हाल में चुनाव लड़ेंगे। साथ ही, अब तारापुर सीट से भी पार्टी चुनाव लड़ेगी। इधर, चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोजपा भी इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पप्पू यादव की पार्टी और पलूरल्स पार्टी, अलग से अपने-अपने उम्मीदवार चुनावी समर में उतारने की तैयारी में है। जाहिर तौर पर महागठबंधन के अंदर बिखराव का फायदा, जदयू को मिलना तय है। बिहार की राजनीति को नजदीक से जानने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि तारापुर सीट पर जदयू ने कुशवाहा समाज के व्यक्ति को टिकट दिया है। ऐसे में, राजद ने बनिया समाज के व्यक्ति को टिकट देकर यह संदेश दिया है कि वह सर्व समाज की बात करता है। ऐसे में, बनिया समाज और अन्य दबी-कुचली जातियों का वोट तो राजद को मिलेगा ही साथ ही साथ ही यादव भी राजद उम्मीदवार को वोट देंगे। बेहद दिलचस्प बात यह है कि जानकारों का कहना है कि इससे, जदयू उम्मीदवार को परेशानी हो सकती है। वैसे, कुशेश्वरस्थान सीट पर जदयू के साथ सहानुभूति लहर है। यहाँ यह बात भी काफी महत्वपूर्ण है कि इस क्षेत्र पर, कॉंग्रेस की भी अच्छी पकड़ है। कांग्रेस और राजद के बीच दूरी नई बात नहीं है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही राजद के रणनीतिकार मानते हैं कि कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने का ही नतीजा था कि पार्टी सर्वेक्षणों में आगे रहने के बावजूद मामूली अंतर से सत्ता की कुर्सी पर बैठने से पीछे रह गई। दूसरी तरफ कॉंग्रेस के स्थानीय नेताओं को लगता है कि राजद ने पूरी पार्टी को अपने बैसाखी पर टिका दिया है। पार्टी में जो नेता राजद के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें ठिकाना लगा दिया जाता है। राजद जहाँ जोड़-तोड़ गठजोड़ के बल पर सत्ता में वापस लौटने के किसी भी मौके को छोड़ना नहीं चाह रहा है, वहीँ जदयू की नजर कॉंग्रेस के विधायकों पर बनी हुई है। 2 सीटों पर होने वाले इस उप चुनाव से किसकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा, यह तो आने वाला चुनाव परिणाम ही बताएगा लेकिन फिलहाल महागठबंधन की दरारें अब तेजी से बढ़ने लगी हैं।

About admin

Check Also

Video बना कर वायरल करने की वजह से उदय की हुई हत्या ?

मुख्य अपराधी सहित पाँच अपराधी गिरफ्तार वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह सहरसा (बिहार) : एक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *