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अब जातीय जनगणना को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार अड़े


जातिगत जनगणना से होगा देश का भला : नीतीश कुमार
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : पहले लालू प्रसाद यादव, फिर तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और बिहार कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी ने जातीय जनगणना को बेहद जरूरी बताया था। अब, बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी इन नेताओं की तर्ज पर जातीय जनगणना में देश की भलाई देख रहे हैं। देश में जातीय जनगणना का मुद्दा एक बार फिर से बहस का बड़ा विषय बन गया है। वैसे, यह बेहद खास बात है कि केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई जातिगत जनगणना नहीं होने जा रही है। लेकिन इससे ईतर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जातीय जनगणना कराने के पक्षधर हैं। रविवार को दिल्ली में सीएम नीतीश ने एक बार फिर जातीय जनगणना को देश के लिए बेहद जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि अगर जातीय जनगणना नहीं होती है तो, ये उचित नहीं है। दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक से निकलने के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग बिलकुल उचित है। इसका पीछे तर्क भी है। इससे लोगों को लाभ मिलने वाला है। आजादी के पहले भी देश में जातिगत जनगणना हुई और आजादी के बाद भी हुई थी। जाहिर सी बात है कि जातीय जनगणना होने के बाद ही लोगों की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल पाएगी। पिछड़ों और अति-पिछड़ों को समाज में आगे बढ़ाने में भी जातीय जनगणना काफी मददगार साबित होगी। नीतीश कुमार ने कहा कि 2011 में सरकार ने जो जनगणना कराई थी, वो जातीय जनगणना नहीं बल्कि सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना थी। दोनों में काफी अंतर है। जातीय जनगणना के अलावा सरकार ने सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराई थी जो कि उस समय ठीक से नहीं हो पाया था। आलम यह है कि उसका प्रकाशन भी नहीं हो सका था। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि 2011 में हुई जनगणना में कुछ गड़बड़ियां हुईं थी। जब लोगों से उनकी जाति के बारे में पूछा गया था तो, कईयों ने अपनी उप जाति बता दी थी। ऐसे में जरूरत थी, उप जाति को जाति से जोड़ने की लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अगर यही काम सही ढ़ंग से किया जाए तो, आंकड़े बिल्कुल सही आएंगे। इसके लिए कर्मचारियों को सही तरीके से ट्रेनिंग दिलवानी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई ऐसा कहता है कि 2011 में हुई सामाजिक और आर्थिक जनगणना के परिणाम के आधार पर जातीय जनगणना नहीं हो सकती तो, यह उचित नहीं है। सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि इस मसले पर गम्भीरता से विचार करने के बाद, जातीय जनगणना कराएं। जहाँ तक बात राज्य आधार पर जातीय जनगणना कराने की है तो ,इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी और उसमें जो निर्णय होगा सरकार वैसा ही करेगी। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना की माँग केवल बिहार ही नहीं बल्कि देश के कई अन्य राज्यों के द्वारा भी की जा रही है। ऐसे में जातीय जनगणना हो तो, इससे देश के विकास में और सहायता मिलेगी।

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