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बिहार एक बार फिर बना प्रेरणा पुँज, शुभम बने यूपीएससी टॉपर


मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : UPSC 2020 की परीक्षा में टॉप कर के, बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले शुभम कुमार ने कटिहार, बिहार सहित पूरे देश का नाम रौशन किया है। शुभम कुमार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ अनन्य लोगों के द्वारा, थोक में बधाईयाँ मिल रही हैं।  शुभम बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं। कटिहार जिले के कदवा प्रखंड क्षेत्र के कुम्हरी गाँव में 14 फरवरी 1997 को जन्मे शुभम कुमार ने यूपीएससी की 2020 की परीक्षा में पूरे भारतवर्ष में पहला स्थान प्राप्त किया है।  उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के ब्रांच मैनेजर देवानंद सिंह व पूनम सिंह के पुत्र हैं। शुभम बचपन से ही पढ़ने में काफी मेधावी थे। इन्होंने कक्षा नर्सरी से कक्षा 4 तक  स्वामी विवेकानंद शिक्षण संस्थान में शिक्षा ग्रहण किया।

कक्षा 6 से कक्षा 10 तक की शिक्षा विद्या विहार परोरा पूर्णिया विद्यालय से ली और मैट्रिक की परीक्षा भी उन्होंने चिन्मयानंद मिशन विद्यालय से ही पास की। बोकारो से इंटर की परीक्षा पास कर के, आगे की पढ़ाई पटना और दिल्ली में किया। अपने उम्र के 21 वें वर्ष 2017 में उन्होंने आईआईटी की परीक्षा में मुंबई टॉपर बन कर बड़ी सफलता हासिल की। इस सफलता के उपरांत वे, चार माह के प्रशिक्षण के लिये अमेरिका भी गए। फिर उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी। शुभम ने दूसरे प्रयास में 2019 में 209 वाँ रैंक हासिल किया था। उन्हें डिफेंस के अकाउंट सर्विस में लिया गया, जिसमें अभी शुभम पुणे में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसके बाद उन्होंने, 2020 में फिर एग्जाम दिया और इस बार वे यूपीएससी के टॉपर बन गए।शुभम के पिता देवानंद सिंह यूबीजीबी बैंक के शाखा में कैशियर के पद पर कार्यरत रह कर बच्चों को भरण-पोषण और शिक्षा प्रदान किए। अभी वे यूबीजीबी के पुर्णिया शाखा में प्रबंधक प्रबंधक पद पर तैनात है। शुभम की माँ पूनम सिंह, चाचा मणि सिंह, चाची मधु सिंह, चचेरा भाई शोभित सिंह, चचेरी बहन अनुष्का सिंह और सगी बहन सुरभि, जो नासा में कार्यरत है, सभी बेहद खुश हैं। चारों तरफ पटाखे फोड़ कर लोग खुशियाँ मना रहे हैं। उनके पिता देवानंद सिंह को लोग फूल-माला पहना कर स्वागत कर रहे हैं। वहीं बधाई देने वालों का घर पर ताँता लगा हुआ है। जानकारी देते हुए पिता देवानंद सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने लिए आईआईटी की सपना 1983 में देखा था। लेकिन वे अपना सपना पूरा नहीं कर पाए। 

उनका एडमिट कार्ड आज भी उनके पास, सलामत है। उनका अधूरा सपना आज, उनके पुत्र ने पूरा कर दिया है। शुभम और उसकी बहन, दोनों अभी अविवाहित हैं। शुभम के घर में आरती की जा रही है। दीगर बात है कि इससे पहले, बिहार के अमीर सुबहानी 1987 में UPSC में टॉप किया था। उनके बाद 1997 में सुनील वर्णवाल और 2000 में आलोक झा टॉपर बने थे। इस बार बिहार के कुछ और छात्रों ने टॉप रैंक में अपनी जगह बनाई है। जमुई जिले के प्रवीण कुमार को 7 वाँ, समस्तीपुर के सत्यम गांधी को 10 वाँ रैंक, किशनगंज के अनिल बसाक को 45 वाँ और पुर्णिया के आशीष मिश्रा को 52 वाँ रैंक मिला है। शुभम, प्रवीण, अनिल और आशीष, चारों आईआईटियन हैं।

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