Front Headlines Archives - FRONT HEADLINES https://frontheadlines.com/category/front-headlines/ सच दिखाने की जिद Sun, 26 Sep 2021 16:23:10 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://frontheadlines.com/wp-content/uploads/2021/09/cropped-Front_Headlines_Logo_500x258-32x32.jpg Front Headlines Archives - FRONT HEADLINES https://frontheadlines.com/category/front-headlines/ 32 32 बिहार पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग शुरू, 151 पंचायतों में हो रहे हैं चुनाव https://frontheadlines.com/bihar-panchayat-chunav/ https://frontheadlines.com/bihar-panchayat-chunav/#respond Fri, 24 Sep 2021 05:35:00 +0000 https://frontheadlines.com/?p=214 मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : बिहार में पंचायत चुनाव के लिए आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है। पंचायत चुनाव के दौरान आज कुल 151 पंचायतों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। आज कुल 10 जिलों में मतदान हो रहे हैं। इनमें जमुई, अरवल, गया, कैमूर, नवादा, बांका, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद और …

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मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : बिहार में पंचायत चुनाव के लिए आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है। पंचायत चुनाव के दौरान आज कुल 151 पंचायतों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। आज कुल 10 जिलों में मतदान हो रहे हैं। इनमें जमुई, अरवल, गया, कैमूर, नवादा, बांका, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद और मुंगेर शामिल हैं। पहले चरण में जमुई के सिकंदरा, अरवल के सोनभद्र वंशी सूर्यपुर, गया के बेलागंज और खिजरसराय, कैमूर के कुदरा, नवादा के गोविंदपुर, बांका के धोरैया, रोहतास के दावथ और संझौली, औरंगाबाद के औरंगाबाद, जहानाबाद के काको और मुंगेर के तारापुर प्रखंडों में मतदान हो रहा है। 6 पदों में  मुखिया,पंचायत समिति सदस्य,  पंचायत सदस्य और जिला परिषद सदस्य का चुनाव ईवीएम से और पंच एवं सरपंच का चुनाव बैलेट बॉक्स से हो रहा है।

मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र या वैकल्पिक पहचान पत्र के आधार पर मतदान की ईजाजत दी गयी है। गौरतलब है कि पहले चरण की वोटिंग के लिए 12 हजार से अधिक पुलिस पदाधिकारी और कर्मी तैनात किए गए हैं। पहले चरण में 156 मतदान भवन, नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं। इसको देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा के तगड़े और पुख्ता इंतजाम किए हैं। पुलिस मुख्यालय के अनुसार सभी मतदान भवनों, सेक्टर, ईवीएम क्लस्टर, जोन, अनुमंडलीय और जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के लिए 2300 से अधिक पुलिस पदाधिकारी सहित 10 हजार से अधिक जिला पुलिस बल, होमगार्ड, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस व सैप के जवानों को प्रतिनियुक्त किया गया है। राज्य मुख्यालय की तरफ से कहा है कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए पूरी तैयारी की गई है। अभी तक कहीं से भी किसी तरह के अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।

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बिहार : भीषण सड़क हादसे में 6 लोगों की हुई मौत https://frontheadlines.com/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%ad%e0%a5%80%e0%a4%b7%e0%a4%a3-%e0%a4%b8%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%95-%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-6/ https://frontheadlines.com/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%ad%e0%a5%80%e0%a4%b7%e0%a4%a3-%e0%a4%b8%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%95-%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-6/#respond Fri, 24 Sep 2021 05:31:09 +0000 https://frontheadlines.com/?p=210 बिहार : भीषण सड़क हादसे में 6 लोगों की हुई मौतमुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : बिहार में सड़क हादसा अब, आम बात बन कर रह गयी है। सड़क हादसे में रोजाना लोग, असमय काल कलवित हो रहे हैं। बिहार के दो अलग-अलग सड़क हादसे में 6 लोगों कीखबर मिल रही है। पहली घटना नालंदा जिले …

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बिहार : भीषण सड़क हादसे में 6 लोगों की हुई मौत
मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : बिहार में सड़क हादसा अब, आम बात बन कर रह गयी है। सड़क हादसे में रोजाना लोग, असमय काल कलवित हो रहे हैं। बिहार के दो अलग-अलग सड़क हादसे में 6 लोगों कीखबर मिल रही है। पहली घटना नालंदा जिले की है, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गईहै, जबकि दूसरी घटना गया जिले की है जिसमें तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इन दोनों घटनाओं के बाद से, मृतक परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। पहली घटना नालंदा जिले के वेना थाना क्षेत्र के पैठना गाँव के पास हुई है। जानकारी के मुताबिक, एक बाईक पर सवार 3 लोगों को एक ट्रक ने कुचल दिया, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। तीनों वेना की ओर से बिहारशरीफ जा रहे थे। मृतकों की पहचान नूरसराय थाना क्षेत्र के भेड़िया गांव निवासी सुजीत पासवान, सोनू पासवान और चेरो ओपी के द्वारका विगहा निवासी रंजीत पासवान के रूप में की गई है। गौरतलब है कि ये तीनों आपस में रिश्तेदार थे। घटना की सूचना मिलते ही वेना थाना पुलिस मौके पर पहुँच कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। वेना थानाध्यक्ष मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पॉकेट में मिले पहचान पत्र के माध्यम से, मृतकों की शिनाख्त हुई है। इस घटना की सूचना परिजनों को दी गई है। दूसरी घटना गया जिले की है। मिली जानकारी के मुताबिक सड़क किनारे बैठे 3 लोगों को, पिकअप वैन ने रौंद दिया। मृतकों में 1 पुरुष हैं और 2 महिलाएँ हैं।घटना गया के शेरघाटी NH-2 की है। प्राप्त सूचना के मुताबिक, एक ही परिवार के तीन लोग सड़क किनारे बैठे थे, तभी तेज रफ़्तार पिकअप वैन ने तीनों को रौंद दिया। घटना को अंजाम देने के बाद पिकअप चालक, गाड़ी के साथ मौके से फरार हो गया। पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है।

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बाँका जिले का मंदार पर्वत, देश का है ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल https://frontheadlines.com/bihar-tourism-banka/ https://frontheadlines.com/bihar-tourism-banka/#respond Thu, 23 Sep 2021 17:52:10 +0000 https://frontheadlines.com/?p=195 वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंहबिहार के बाँका जिले का मंदार पर्वत की चर्चा, भारतीय पौराणिक ग्रन्थों में भी वृहत्तर तरीके से की गई है। ऐतिहासिक पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार मंदार पर्वत अपने अंचल में 88 कुण्डों को समेटता था। इनमें से कई कुण्ड आज भी दर्शनीय हैं। इनमें सबसे बड़ा पर्वत के आधार पर अवस्थित …

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह
बिहार के बाँका जिले का मंदार पर्वत की चर्चा, भारतीय पौराणिक ग्रन्थों में भी वृहत्तर तरीके से की गई है। ऐतिहासिक पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार मंदार पर्वत अपने अंचल में 88 कुण्डों को समेटता था। इनमें से कई कुण्ड आज भी दर्शनीय हैं। इनमें सबसे बड़ा पर्वत के आधार पर अवस्थित पापहरणी कुण्ड है। मकर संक्राति एवं आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया तिथि पर दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु इस कुण्ड में स्नान करने आते हैं। इस कुण्ड को क्षीरसागर का प्रतीक मानते हुए इसके मध्य में शेषशायी विष्णु का लक्ष्मी नारायण मंदिर बनाया गया है, जो इस कुण्ड के आकर्षण और भव्यता को और बढ़ा देता है। पापहरणी के अलावा भाख कुण्ड भी एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है। इसके बारे मे मान्यता है कि इसके मध्य में विष्णु का पाँचजन्य भाख रखा है। इसी भाख से शिव ने सागर मंथन के पश्चात निकले विष का पान किया था, जिसके प्रभाव से भांख नीलवर्ण हो गया है। इसके अलावा सीता कुण्ड भी श्रद्धा का एक केन्द्र है, जहाँ लोक प्रचलित मान्यता के अनुसार वनवास अवधि में सीता ने सूर्य की उपासना में छठ व्रत किया था। पर्वत के मध्य में एक गुफा में विष्णु के नरसिंह रूप की एक मूर्ति है, जिसके नाम पर यह गुफा “नरसिंह गुफा” के नाम से प्रचलित है। पर्वत के आधार स्थल पर सफा धर्म का सत्संग मंदिर है, जिसमें इस मत के प्रवर्तक स्वामी चन्दरदास के चरण चिह्न मौजूद हैं और इस मत के अनुयायियों के लिए यह मंदिर अधिवेशन केन्द्र के रूप में प्रयुक्त होता है। मंदार के पूरब की ओर तलहटी में प्राचीन लखदीपा मंदिर का जीर्णावषश अवस्थित है, जहाँ दीपावली की संध्या को एक लाख दीपों का विहंगम प्रज्जवलन किया जाता था। 1505 इस्वी में चैतन्य महाप्रमु का मंदार आगमन हुआ था और जिसके स्मृति स्वरूप उनके चरण चिह्न एक चबुतरे पर आज भी दर्शनीय है। इन स्थलों के अतिरिक्त भी पर्वत पर शिव, सिंहवाहिनी दुर्गा, महाकाली, नरसिंह आदि की सुन्दर मूर्तियाँ चारो तरफ अवस्थित हैं।
मंदार पर्वत का सांस्कृतिक पक्ष
पर्वत के परिसर में वर्ष में दो बार भव्य मेले का आयोजन होता है। मकर संक्रांति पर दूर-दूर सेश्रद्धालु पापहरणी सरोवर में स्नान करने आते हैं और इस अवसर पर एक पक्ष का मेला आयोजित होता है। पहले यह मेला बौंसी मेला के नाम से लोक प्रसिद्ध था और इसकी भव्यता की चर्चा काफी दूर-दूर तक जनप्रसिद्ध थी। वर्तमान में, इसे प्रशासन के सहयोग से सांस्थानिक रूप दिया गया और अब यह प्रत्येक वर्ष मंदार महोत्सव के नाम से आयोजित होता है। मकर संक्राति के बाद आषाढ़ मास को शुक्ल द्वितीया पर भी, यहाँ एक दिवसीय मेले का आयोजन होता है। इस अवसर पर मंदार से 5 कि.मी. पूर्व की ओर बासी नगर में अवस्थित मधुसूदन मंदिर से रथयात्रा निकलती है, जिसमें भगवान मधुसूदन की गजारूद्ध मूर्ति को पापहरणी सरोवर में स्नान कराने के लिए लाया जाता है। यह रथयात्रा जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा की तर्ज पर होती है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर एकत्रित होते हैं।
मंदार पर्वत
“वीरचान्दनयोर्मध्ये मंदारो नामः पर्वत”। विष्णु पुराण की इस पंक्ति में चीर और चान्दन नदी के मध्य जिस पर्वत की ओर इंगित किया गया है, वही आज दक्षिणी बिहार के गंगा के मैदान और संथाल परगना की उच्च भूमि की संधि पर 445 मीटर की ऊँचाई तक मस्तक उठाए खड़ा मंदार पर्वत है। भागलपुर से दक्षिण दिशा में झारखंड के दुमका की ओर जाने के रास्ते में बौंसी प्रखंड में प्रवेश करते ही काले ग्रेनाईट की एक ही शिला से निर्मित प्रकृति की यह अनुपम रचना, दृष्टिगत होती है और बरबस ही अपनी ओर ध्यान आकृष्ट कर लेती है। इसके साथ ही चरण से शिखर की तरफ जाते वलयकार चिह्न दूर से ही साफ-साफ नजर आते हैं। पौराणिक आस्थाओं की मानें तो, सागर मंथन में इसे मथनी की तरह प्रयोग करने के लिए इस पर, रज्जु के तौर पर लपेटे गए नागराज वासुकी की रगड़ से बने हुए हैं।
पौराणिकता में मंदार
प्राचीन धार्मिक साहित्यों में बाल्मिकी रामायण, मार्कण्डेय पुराण, मत्स्य पुराण, वामन पुराण, स्कण्य पुराण, वृहत पुराण, विष्णु पुराण, श्री भागवत पुराण, गरुड़ पुराण, मात्पथ ब्राहमण, कोई भी मंदार के उल्लेख से अछूता नहीं रहा है। प्रायः सभी आख्यानों में इसका संबंध, किसी महत्वपूर्ण घटना से जोड़ा गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने जब असुर द्वय मधु-कैटभ कासंहार किया तो, मधु के सिर पर उन्होनें मंदार पर्वत और कैटभ के सिर पर ज्येष्ठगीर पर्वत (वर्तमान में मंदार से 25 कि.मी. उत्तर पश्चिम, रजौन में अवस्थित जैठोर) को स्थापित किया और यहीं से विष्णु का मधुसूदन रूप प्रचलित हुआ। यह मंदिर, मंदार पर्वत के चरण स्थली में अवस्थित है। मत्स्यपुराण और वामन पुराण की कथा के अनुसार मंदार पर्वत ही शिव की निवास स्थली थी। यहॉं से रावण द्वारा उन्हें उठा कर लंका ले जाने के क्रम में, रास्ते में वर्तमान देवघर भूमि पर रख देने के कारण शिव वैद्यनाथ के रूप में वहीं स्थापित हो गए और वैधनाथधाम तीर्थ की स्थापना हुई। वहीं, मार्कण्डेय पुराण का दावा है कि देवी दुर्गा ने महिषासुर  का संहार, मंदार पर्वत देव से ही किया था। लोक प्रचलित मान्यता के अनुसार, वनवास की अवधि में सीता ने मंदार पर्वत के मध्य स्थित कुंड में छठ व्रत किया था। आज भी वह कुण्ड, सीता कुण्ड के नाम से अवस्थित है।
मंदार और जैन धर्म


हिन्दू धर्म के अलावा जैन परम्परा में भी मन्दार पर्वत की तीर्थस्थली के रूप में व्यापक महत्ता है। जैन धर्म के 12 वें तीर्थकर वसुपूज्य जो मूलतः चम्पापुरी के राजकुमार थे, ने इसी पर्वत को अपनी साधना भूमि के रूप में चुना था और अंततः यहीं निर्वाण को प्राप्त हुए थे। जैन मतावलंबियों के अनुसार वसुपूज्य के चरण चिन्ह अभी भी मंदार पर्वत के शिखर पर धिष्ठापित है। हालांकि वैष्णव मतावलंबियों में यह चिह्न, विष्णुपाद चिह्न के रूप में मान्य और पूज्य है।
सफा धर्म और मंदार
सफा धर्म बीसवीं सदी में एक स्थानीय सुधारक एवं धर्म प्रचारक श्री चन्दर दास जी द्वारा प्रवर्तित मता है। इस मत का प्राणतत्व है, बाह्य आचरण के साथ-साथ अपने अन्तर्मन की शुद्धता पर जोर। इस मत के सुधारवादी संदेश के कारण आस-पास के आदिवासी जनसमुदाय में इसे काफी लोकप्रियता प्राप्त हुई और बड़ी संख्या में संथाल और पहड़िया जैसे वनवासी समुदाय के लोग, इस मत के सत्संग में हिस्सा लेने लगे। इस धर्म के गतिविधियों का केन्द्र भी मंदार पर्वत अंचल ही रहा। इस प्रकार मंदार पर्वत तीन धर्मों की त्रिवेणी से सज्जित है। इसके चरणस्थली में सफा धर्म के केंद्र के रूप में सत्संग कुटिया अवस्थित है, तो मध्य भाग में नरसिंह गुफा के रूप में वैष्णव प्रभाव स्पष्ट होता है। वहीं, मंदार पर्वत का शिखर वसुपज्य के निर्वाण स्थल के रूप में एक जैन तीर्थ के रूप में स्थापित है। किन्तु, इन तीनो धर्मों को मंदार ने अपने अंचल में इस सौहार्द के साथ समेटा है कि एक ही चिन्ह को जैन मतावलंबी वसुपूज्य के चरण चिन्ह के रूप में, वैष्णव विष्णु पद मान कर के सदियों से पूजते आ रहे हैं। इसी पौराणिक मंदार पर्वत पर नवनिर्मित आकाशीय रज्जु पथ का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने, बीते मंगलवार को रिमोट का बटन दबा कर उद्घाटन किया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिलापट्ट का भी अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने आकाशीय रज्जु पथ से मंदार पर्वत के शीर्ष पर पहुँच कर जैन मंदिर में भगवान महावीर की पूजा-अर्चना कर बिहार वासियों के सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। जैन मंदिर के दर्शन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने मंदार पर्वत के आसपास बसे इलाकों के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने मंदार पर्वत पर स्थित सीता कुंड का भी निरीक्षण किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस जगह पर रोपवे का निर्माण हुआ है। इसके उद्घाटन का आज मुझे अवसर मिला है। यह जगह ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का है। इसका काफी पौराणिक महत्व है।

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सोनपुर मेले के आयोजन के लिए उप मुख्यमंत्री से मिले भाजपा नेता ओम कुमार सिंह https://frontheadlines.com/sonpur-mela/ https://frontheadlines.com/sonpur-mela/#respond Thu, 23 Sep 2021 17:39:00 +0000 https://frontheadlines.com/?p=192 मुकेश कुमार सिंहपटना (बिहार) : बिहार के सुप्रसिद्ध सोनपुर मेले के आयोजन की मांग को लेकर वरीय भाजपा नेता सह अधिवक्ता ओम कुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज  पटना में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी से मिला तथा उनसे गुहार लगाई के इस वर्ष सोनपुर मेला आयोजन की प्रशासनिक अनुमति प्रदान की जाए। उप …

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मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : बिहार के सुप्रसिद्ध सोनपुर मेले के आयोजन की मांग को लेकर वरीय भाजपा नेता सह अधिवक्ता ओम कुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज  पटना में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी से मिला तथा उनसे गुहार लगाई के इस वर्ष सोनपुर मेला आयोजन की प्रशासनिक अनुमति प्रदान की जाए। उप मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि मेले का आयोजन पिछले वर्ष भी नहीं हो पाया था, जिसके कारण हजारों परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति कायम हो गई है। कोरोना की भयावहता इस समय काफी कम है। इस कारण से मेले का आयोजन जनहित में होना चाहिए ‌। उप मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा के शिष्टमंडल को आश्वासन दिया गया कि सोनपुर मेले के विषय में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस विषय पर बात करेंगे और उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि इस साल सोनपुर मेला लगाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगी। वरीय भाजपा नेता सह अधिवक्ता ओम कुमार सिंह के नेतृत्व में सोनपुर से भाजपा जदयू के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बिहार की मुख्यमंत्री रेणु देवी से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजन सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष स्वर्ण प्रकोष्ठ जदयू विनोद कुमार सिंह, नगर अध्यक्ष भाजपा मुकेश कुमार सिंह, राज्य परिषद सदस्य नंदकिशोर सिंह, पिंटू कुमार, रजनीश कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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आखिर अयांश की जिंदगी बचाने की मुहिम को रोक कर, क्या होगा हासिल ? https://frontheadlines.com/aayansh-latest-news/ https://frontheadlines.com/aayansh-latest-news/#respond Thu, 23 Sep 2021 17:14:54 +0000 https://frontheadlines.com/?p=189 किसी मासूम की जिंदगी को अधर में लटकाना, कतई नहीं हो सकती खोजी पत्रकारिता जीवन और मौत से जूझ रहा है नन्हा अयांशवरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंहपटना (बिहार) : बिहार के पटना का लगभग ग्यारह महीने का अयांश, कातर आंखों से लोगों को, इस उम्मीद से देख रहा है कि सभी मिल कर उसकी जिंदगी को …

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किसी मासूम की जिंदगी को अधर में लटकाना, कतई नहीं हो सकती खोजी पत्रकारिता 
जीवन और मौत से जूझ रहा है नन्हा अयांश
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : बिहार के पटना का लगभग ग्यारह महीने का अयांश, कातर आंखों से लोगों को, इस उम्मीद से देख रहा है कि सभी मिल कर उसकी जिंदगी को बचा लेंगे। मासूम अयांश, अति दुर्लभ बीमारी एसएमए टाईप 1 से ग्रसित है। अयांश को बचाने के लिए, बिहार के कई पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन और कई अन्य लोगों ने अगस्त महीने के शुरू से ही एक बड़ा अभियान छेड़ रखा था। सोसल प्लेटफॉर्म के जरिये क्राउड फंडिंग किये जा रहे थे। इस क्राउड फंडिंग के माध्यम से काफी तेजी से सात करोड़ रुपये जमा हो गए। लेकिन दुर्भाग्य और विडम्बना कहिये कि इस क्राउड फंडिंग पर कई तथाकथित कुछ यूट्यूबर पत्रकारों ने अयांश की बीमारी और इस क्राउड फंडिंग पर ही सवाल खड़े कर दिए। इस सवाल से बिहार सहित देश और विदेशों में बसे भारतीय लोगों पर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ा। इन यूट्यूबर पत्रकारों ने अयांश के पिता को बड़ा ठग बताया और उनकी जाति यादव बता कर, क्राउड फंडिंग के गर्म माहौल को शिथिल और ठंढ़ा कर दिया। अयांश के पिता आलोक कुमार सिंह पर एक कोचिंग संस्थान के संचालन में धोखाधड़ी का केस 2011 और 12 में झारखण्ड के राँची और पटना में दर्ज हुए थे। आलोक कुमार सिंह पर पुलिस, या फिर अदालत का कोई दबाब नहीं था लेकिन उनके बेटे की जिंदगी किसी तरह से बच जाए, इसके लिए उन्होंने रांची जिला सत्र न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। आलोक कुमार सिंह को जेल भेज दिया गया है। आलोक कुमार सिंह ने जेल जाते हुए कहा था कि जब तक उनके बेटे को जीवनदान नहीं मिलेगा, वे अपनी जमानत का प्रयास नहीं करेंगे। लेकिन बेशर्मी की इंतहा है कि आलोक कुमार सिंह के जेल जाने के बाद भी, युट्यूबर्स खेमा ने आलोक कुमार सिंह की पत्नी नेहा सिंह और अयांश की बीमारी को लेकर कई तरह की भ्रामक बातों का प्रसार शुरू कर दिया। अयांश का ईलाज पहले बंगलुरू के निमांस हॉस्पिटल में हुआ था। निमांस के द्वारा जारी सर्टिफिकेट पर भी सवाल खड़े किए जाने लगे। थक-हार कर अयांश की माँ एम्स दिल्ली गयी और अयांश को वहाँ दिखलाया। निमांस की तर्ज पर एम्स ने भी अयांश को एसएमए टाईप 1 बीमारी की पुष्टि की। इस बीमारी के लिए 16 करोड़ का अमेरिकी इंजेक्शन लगना है, जिसके लिए क्राउड फंडिंग की जा रही थी। जिस बच्चे को बचाने के लिए पूरे बिहार को एक होना चाहिए था, उसको कुछ युट्यूबर्स ने छिन्न-भिन्न कर डाला। बेचारी माँ, अयांश की बीमारी को सत्यापित करने के लिए सर्टिफिकेट ही बटोर रही है। आलम यह है कि कड़ी धूप में नेहा सिंह, अयांश को लेकर दिन भर, अलग-अलग बाजारों में घूम कर चंदा माँग रही है। अपने बच्चे को बचाने के लिए, नेहा सिंह को कोई रास्ता ही नहीं दिख रहा है। बेहद शर्मनाक बात है कि नेहा सिंह धूप में अयांश को लेकर ऐसे घूमती रही, जिसके परिणामस्वरूप तीन दिन पहले उसे बुखार हो गया और उसका ऑक्सीजन लेवल 80 के आस-पास आ गया। नेहा सिंह ने अयांश को पटना के उद्द्यन अस्पताल में भर्ती कराया। अयांश को निमोनिया हो गया है। गम्भीर बीमारी से जूझते अयांश को निमोनिया होना, बेहद दुःखद है। नेहा सिंह काफी परेशान हैं और लगातार रोती रहती हैं। हमने नेहा सिंह से मोबाईल के जरिये बात की। नेहा सिंह ने रोते हुए अयांश की खराब स्थिति के बारे में हमें बताया। नेहा सिंह ने कहा कि जब तक क्राउड फंडिंग नहीं होगी, अयांश नहीं बच पायेगा। नेहा ने हमसे कहा कि हम कुछ ऐसा करें जिससे फिर से क्राउड फंडिंग शुरू हो जाये। अयांश की ताजा स्थिति से हम भी बेहद दुःखी हैं। हम इस खबर के जरिये, उन तमाम युट्यूबर्स से आग्रह करते हैं कि जिस किसी भी कारण से उन्होंने, अयांश के मामले में मदद करने और कराने की जगह, तरह-तरह की सर्जरी की है, वे आगे आएं। अब वे सारे युट्यूबर्स और अन्य लोग, जिनकी वजह से क्राउड फंडिंग को झटका लगा है, वे सभी मिल कर, देश के लोगों से अयांश के लिए फंडिंग करने की अपील करें। अगर उन्हें, इस बात का अहसास हुआ है कि खोजी पत्रकारिता के नाम पर उनसे गुनाह हुआ है, तो वे जोरदार क्राउड फंडिंग करा के प्रायश्चित करें। पब्लिसिटी और अयांश के नाम पर धन उगाही की जगह, अयांश के लिए पैसे जमा करने का संकल्प लेने के बाद ही, क्राउड फंडिंग का रास्ता साफ होगा और उसे गति भी मिलेगी। अगर अयांश की जिंदगी नहीं बच पाती है तो, इसके लिए जो-जो गुनहगार होंगे, ईश्वर उन्हें कभी भी माफ नहीं करेंगे।

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