front headlines Archives - FRONT HEADLINES https://frontheadlines.com/tag/front-headlines/ सच दिखाने की जिद Wed, 06 Oct 2021 16:40:45 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://frontheadlines.com/wp-content/uploads/2021/09/cropped-Front_Headlines_Logo_500x258-32x32.jpg front headlines Archives - FRONT HEADLINES https://frontheadlines.com/tag/front-headlines/ 32 32 पर्यावरण को समर्पित सुपौल काली मंदिर https://frontheadlines.com/supaul-kali-mandir/ https://frontheadlines.com/supaul-kali-mandir/#respond Wed, 06 Oct 2021 16:38:43 +0000 https://frontheadlines.com/?p=283 नवरात्रि पर विशेष सुमन कुमार सिंह सुपौल ( बिहार) : हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई मंदिर है, जिसके गर्भगृह में, ठीक प्रतिमा के समानान्तर कोई पौधा एक खास समय तक फलता-फूलता रहे एवं भक्तों के द्वारा पूजित भी होता रहे। लेकिन बिहार के सुपाैल में इस तरह का अद्भुत और एतिहासिक मंदिर है, …

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नवरात्रि पर विशेष

सुमन कुमार सिंह

सुपौल ( बिहार) : हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई मंदिर है, जिसके गर्भगृह में, ठीक प्रतिमा के समानान्तर कोई पौधा एक खास समय तक फलता-फूलता रहे एवं भक्तों के द्वारा पूजित भी होता रहे। लेकिन बिहार के सुपाैल में इस तरह का अद्भुत और एतिहासिक मंदिर है, जहाँ माँ काली विराजती हैं। इस मंदिर में माँ के साथ पेड़ की भी पूजा की जाती है। दीगर बात है कि मंदिर के गर्भगृह में उगे पेड़ पर्यावरण संरक्षण एवं जागरुकता का बहुत ही सशक्त माध्यम बना हुआ है। लगभग डेढ़ सौ वर्ष से भी अधिक इस पुराने मंदिर की परम्परा कुछ अलग तरह की है ।

नवरात्र में यहाँ कलश स्थापन की परम्परा नहीं है। यहाँ बिना कलश के जयन्ती उगाने का अनूठा विधान है। कलश स्थापन वर्ष में दो बार दीपावली एवं माघी पूर्णिमा में किया जाता है, जिस पर चढ़ाया गया नारियल पेड़ का रुप ले लेता है। इससे लोगों में सकारात्मक संदेश जाता है और पेड़-पौधों के प्रति अपनापन एवं संरक्षण के प्रति कर्तव्यवोध बढ़ता है। वैसे तो, इस मंदिर में सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन दुर्गापूजा, यानि नवरात्रि में माँ की पूजा-अर्चना के लिए नेपाल सहित विभिन्य इलाके से लोग आते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में आकर जो कोई मन्नत करता है, माँ उसे उसे पूरा करती है। इस दरबार से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है।

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Video बना कर वायरल करने की वजह से उदय की हुई हत्या ? https://frontheadlines.com/saharsa-murder-case/ https://frontheadlines.com/saharsa-murder-case/#respond Wed, 06 Oct 2021 16:32:28 +0000 https://frontheadlines.com/?p=278 मुख्य अपराधी सहित पाँच अपराधी गिरफ्तार वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह सहरसा (बिहार) : एक कमरे में बंद कर के पहले जम कर पिटाई की और उस पिटाई का लाईव वीडियो बनाया और उसे सोसल मंच पर वायरल कर दिया। इस अपमान का बदला, गोली मार कर हत्या कर के लिया गया। एक नवम्बर को …

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मुख्य अपराधी सहित पाँच अपराधी गिरफ्तार

वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह

सहरसा (बिहार) : एक कमरे में बंद कर के पहले जम कर पिटाई की और उस पिटाई का लाईव वीडियो बनाया और उसे सोसल मंच पर वायरल कर दिया। इस अपमान का बदला, गोली मार कर हत्या कर के लिया गया। एक नवम्बर को सहरसा के मुरली गाँव में उदय यदुवंशी की गोली मार कर हुई हत्या का पटाक्षेप सहरसा एसपी मोहतरमा लिपि सिंह ने बड़ी तेजी से कर दिया।

शेरनी बनी एसपी लिपि सिंह के कार्यकाल में जहाँ सहरसा जिले के अपराध के ग्राफ में कमी आयी है

वहीँ, अगर कोई बड़ी वारदात होती है तो, लिपि सिंह उस घटना को चुनौती के तौर पर लेटी हैं और मामले का पटाक्षेप कर के ही रुकती हैं। एसपी लिपि सिंह ने ओर्स कॉन्फ्रेंस कर के बताया कि डेढ़ साल पूर्व बनगाँव थाना के मुरली गाँव निवासी प्रभाकर और उसके दोस्त हरिओम को बिहरा थाना क्षेत्र के शाहपुर गाँव निवासी उदय यदुवंशी सहित उसके मित्रों ने पुरानी अदावत को लेकर, उन दोनों को एक कमरे में बंद कर जम कर पीटा था। उक्त मार-पीट का वीडियो बना कर, उसे सोसल साईटों पर वायरल कर दिया गया था। प्रभाकर और हरिओम को पूरी तरह से बेईज्जत किया गया था। उस बेईज्जती का बदला लेने के लिए प्रभाकर ने उदय को मुरली बसंतपुर में मुखिया प्रत्याशी की जीत के बाद, आयोजित विजय जुलूस में बुलवाया। फिर धोखे से सड़क के किनारे ले जाकर सीने में गोली दाग दी। यह मुखिया के जीत-हार को लेकर गोलीबारी की घटना नहीं थी। बल्कि दो युवकों के बीच आपसी वर्चस्व और बसलूकी को लेकर की गई हत्या थी। एसपी लिपि सिंह ने बताया कि गोली मारने का मुख्य आरोपी प्रभाकर को उनके अन्य तीन साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। अब तक इस घटना में दो नामित अपराधी सहित कुल 5 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है। साथ ही, हत्या में प्रयुक्त देसी कट्टा और पाँच जिंदा कारतूस भी जब्त किए गए हैं। घटना के 72 घंटे के भीतर सभी आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। ऐसे में, गठित एसआईटी टीम को पुस्कृत किया जाएगा। साथ ही, स्पीडी ट्रायल चला कर इन आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी। एसपी लिपि सिंह ने बताया कि बीते 1 अक्टूबर को बनगाँव थाना क्षेत्र के मुरली बसंतपुर गाँव में उदय यदुवंशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए हरिओम की गिरफ्तारी, हत्या के तुरंत बाद ही कर ली गई थी। फिर एसआईटी टीम का गठन किया किया गया था। इस टीम का नेतृत्व सदर एसडीपीओ संतोष कुमार कर रहे थे। टीम में प्रशिक्षु डीएसपी निशिकांत भारती, सदर इंस्पेक्टर आर. के. सिंह, प्रभारी सदर थाना अध्यक्ष अयूब अंसारी, महिषी थानाध्यक्ष राजेश कुमार, बिहरा थानाध्यक्ष प्रमोद झा, बनगांव थाना अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह एवं तकनीकी शाखा के लोग भी शामिल थे। इस टीम के द्वारा प्राथमिकी के अभियुक्त हरिओम की तुरन्त गिरफ्तारी कर ली गई थी। फरार प्रभाकर और उसके साथी पारस कुमार, कुंवर जीत कुमार और राम भरोश कुंवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या में उपयोग में लाया गया देसी कट्टा और पाँच कारतूस भी बरामद किए गए है। जाहिर तौर पर, एसपी लिपि सिंह और सहरसा पुलिस की तारीफ की जानी चाहिए।

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बिहार में पूरी तरह से दरकने लगा है महागठबंधन https://frontheadlines.com/bihar-mahagathbandhan-tejashvi-yadav/ https://frontheadlines.com/bihar-mahagathbandhan-tejashvi-yadav/#respond Tue, 05 Oct 2021 12:05:18 +0000 https://frontheadlines.com/?p=274 उपचुनाव के दो सीटों पर राजद और कॉंग्रेस है आमने-सामने वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह पटना (बिहार) : बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों, कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उपचुनाव होने वाले हैं। एनडीए की तरफ से जदयू ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर जदयू …

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उपचुनाव के दो सीटों पर राजद और कॉंग्रेस है आमने-सामने

वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों, कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उपचुनाव होने वाले हैं। एनडीए की तरफ से जदयू ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर जदयू के प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की थी। जदयू के महेश्वर हजारी ने कुशेश्वर स्थान और मेवा लाल चौधरी ने तारापुर से जीत हासिल की थी लेकिन दोनों का असामयिक निधन हो गया, जिसके कारण उप चुनाव की नौबत आई है। जदयू ने कुशेश्वर स्थान सुरक्षित सीट से अमन हजारी और तारापुर से राजीव कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। इन दोनों सीटों को लेकर महागठबंधन में दो फाड़ हो गया है। राजद ने रविवार को इन दोनों सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राजद ने तारापुर से अरुण साह और कुशेश्वर स्थान सुरक्षित सीट से गणेश भारती को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कुशेश्वर स्थान सुरक्षित सीट कॉंग्रेस के हिस्से में थी। जाहिर सी बात है कि कॉंग्रेस किसी भी कीमत पर दरभंगा के कुशेश्वरस्थान सीट पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। बिहार कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने तो, यहाँ तक कह दिया है कि इन दोनों सीटों पर एक-दो दिनों में कॉंग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने जा रही है। उन्होंने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय, महागठबंधन को राजद के डिक्टेटरशिप की कीमत चुकानी पड़ी थी। पहले जीतन राम मांझी ने किनारा किया, फिर उपेंद्र कुशवाहा ने दूसरी राह पकड़ ली। आखिर में मुकेश साहनी ने भी एनडीए का था दामन थाम लिया। दीगर बात है कि एनडीए में इन दिनों ऑल इज वेल की स्थिति है, वहीँ महागठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं है। कॉंग्रेस राजद पर दबाब बनाना चाहती थी, पर राजद किसी भी कीमत पर इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की जीत चाहता है। इसी कारण से राजद ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

खबर यह भी मिल रही है कि राजद चीफ लालू प्रसाद यादव इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की चुनावी सभाओं को संबोधित भी करेंगे। लालू प्रसाद यादव, बहुत जल्द दिल्ली से बिहार आ रहे हैं। तारापुर विधानसभा क्षेत्र से पिछली बार राजद ने अपने कद्दावर नेता जयप्रकाश नारायण यादव के पुत्री को टिकट दिया था लेकिन इस बार राजद ने यहाँ से एक नए उम्मीदवार को टिकट दिया है। तारापुर कुशवाहा और यादव मतदाता बहुल क्षेत्र है। यहाँ से यादव और कुशवाहा समाज के लोग ही चुनाव जीतते आए हैं। लेकिन राजद ने इस बार नया प्रयोग करते हुए तारापुर विधानसभा क्षेत्र से बनिया समाज के व्यक्ति को टिकट दिया है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि यह सब स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं के द्वारा मिले फीडबैक के आधार पर निर्णय लिया गया है। लड़ाई दोनों सीटों पर काफी टफ होने वाली है। कॉंग्रेस के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने हमसे हुई बातचीत के दौरान कहा है कि उनकी पार्टी अब केवल कुशेश्वरस्थान ही नहीं बल्कि तारापुर विधानसभा सीट से भी अपने उम्मेदवार उतारेगी। अजीत शर्मा ने कहा कि राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है। 2020 के विधानसभा चुनाव के समय ही यह तय हुआ था कि तारापुर सीट राजद के हिस्से में रहेगी और कुशेश्वर स्थान सीट से कॉंग्रेस अपना कैंडिडेट देगी। लेकिन रविवार को अचानक प्रेस कांफ्रेंस कर राजद ने इन दोनों ही सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, जो कि बेहद आश्चर्य की बात है।अजीत शर्मा ने कहा कि कुशेश्वरस्थान कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। चूंकि राजद ने वहाँ भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। उस सीट से कॉंग्रेस के अशोक राम, हर हाल में चुनाव लड़ेंगे। साथ ही, अब तारापुर सीट से भी पार्टी चुनाव लड़ेगी। इधर, चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोजपा भी इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पप्पू यादव की पार्टी और पलूरल्स पार्टी, अलग से अपने-अपने उम्मीदवार चुनावी समर में उतारने की तैयारी में है। जाहिर तौर पर महागठबंधन के अंदर बिखराव का फायदा, जदयू को मिलना तय है। बिहार की राजनीति को नजदीक से जानने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि तारापुर सीट पर जदयू ने कुशवाहा समाज के व्यक्ति को टिकट दिया है। ऐसे में, राजद ने बनिया समाज के व्यक्ति को टिकट देकर यह संदेश दिया है कि वह सर्व समाज की बात करता है। ऐसे में, बनिया समाज और अन्य दबी-कुचली जातियों का वोट तो राजद को मिलेगा ही साथ ही साथ ही यादव भी राजद उम्मीदवार को वोट देंगे। बेहद दिलचस्प बात यह है कि जानकारों का कहना है कि इससे, जदयू उम्मीदवार को परेशानी हो सकती है। वैसे, कुशेश्वरस्थान सीट पर जदयू के साथ सहानुभूति लहर है। यहाँ यह बात भी काफी महत्वपूर्ण है कि इस क्षेत्र पर, कॉंग्रेस की भी अच्छी पकड़ है। कांग्रेस और राजद के बीच दूरी नई बात नहीं है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही राजद के रणनीतिकार मानते हैं कि कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने का ही नतीजा था कि पार्टी सर्वेक्षणों में आगे रहने के बावजूद मामूली अंतर से सत्ता की कुर्सी पर बैठने से पीछे रह गई। दूसरी तरफ कॉंग्रेस के स्थानीय नेताओं को लगता है कि राजद ने पूरी पार्टी को अपने बैसाखी पर टिका दिया है। पार्टी में जो नेता राजद के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें ठिकाना लगा दिया जाता है। राजद जहाँ जोड़-तोड़ गठजोड़ के बल पर सत्ता में वापस लौटने के किसी भी मौके को छोड़ना नहीं चाह रहा है, वहीँ जदयू की नजर कॉंग्रेस के विधायकों पर बनी हुई है। 2 सीटों पर होने वाले इस उप चुनाव से किसकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा, यह तो आने वाला चुनाव परिणाम ही बताएगा लेकिन फिलहाल महागठबंधन की दरारें अब तेजी से बढ़ने लगी हैं।

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Bihar में Corona की तीसरी लहर की आशंका हुई तेज, Delta-4 वैरिएंट ने बढ़ा दी है चिंता https://frontheadlines.com/bihar-covid-news/ https://frontheadlines.com/bihar-covid-news/#respond Sun, 26 Sep 2021 15:53:13 +0000 https://frontheadlines.com/?p=245 वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह पटना (बिहार) : यह सही है कि अभी के माहौल में, बिहार धीरे-धीरे कोरोना के संक्रमण की कहर से उबरता हुआ दिख रहा है। लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर आ गई है। बिहार में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, डेल्‍टा-4 वैरिएंट ने काफी बढ़ा दी है। ये ध्यान …

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : यह सही है कि अभी के माहौल में, बिहार धीरे-धीरे कोरोना के संक्रमण की कहर से उबरता हुआ दिख रहा है। लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर आ गई है। बिहार में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, डेल्‍टा-4 वैरिएंट ने काफी बढ़ा दी है। ये ध्यान में रखना बेहद जरुरी है कि कोरोना की दूसरी लहर बिहार में अभी नियंत्रित है लेकिन देश-दुनिया के कई शहरों में, डेल्टा-4 वैरिएंट बड़ी संख्या में संक्रमितों के मिलने का क्रम जारी है। बेहद खास बात यह है कि देश में अभी भी 25 से 40 हजार तक, कोरोना संक्रमित हर दिन मिल रहे हैं। ऐसे में, यदि देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों से आने वाले यात्रियों की सघनता से जाँच नहीं कि गई तो, नई जगहों पर संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ सकती है। प्रदेश में पंचायत चुनाव, इसके बाद दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पर में बड़ी संख्यां में लोग देश-विदेश के कोने-कोने से बिहार आते हैं। इस दौरान बाहर से आने वालों की सघन स्क्रीनिंग जरूरी है। एम्स पटना के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार के अनुसार ओलिंपिक खेलों की समाप्ति के बाद अचानक जापान में कोरोना संक्रमितों की संख्या, तेजी से बढ़ी है। इसी प्रकार देश में केरल, महाराष्ट्र समेत 6 राज्यों में लगातार बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। केरल और महाराष्ट्र में विदेश से आने वालों की संख्या सर्वाधिक है। इन यात्रियों को भी कोरोना संक्रमण बढ़ाने का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। ऐसे में, यदि देश के कोरोना संवेदनशील क्षेत्रों व विदेश से आने वालों की सघन स्क्रीनिंग नहीं की गई तो, देश के किसी भी हिस्से में कभी भी संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। डा. संजीव कुमार के अनुसार, कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। कोरोना वायरस लगातार अपने रूप को बदल रहा है। इस समय महाराष्ट्र और केरल में डेल्टा-4 नामक वैरिएंट लोगों को संक्रमित कर रहा है। ऐसे में, किसी भी कारण से लोगों ने यदि मास्क, शारीरिक दूरी और अंजान सतह को छूने के बाद, हाथों को सेनेटाईज करने में लापरवाही की, तो संक्रमण दर फिर से बढ़ सकता है। अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका सबसे ज्यादा है। ये सच है कि प्राकृतिक रूप से और वैक्सीन के दोनों डोज ले लेने से पटना व प्रदेश की बड़ी आबादी में, कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी बन चुका है। बावजूद इसके, लोग संक्रमित हो सकते हैं और उनकी लापरवाही से, कमजोर इम्युन पावर वाले, लंबे समय से बीमार चल रहे लोगों को गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। यह तय है कि आने वाले समय में, कई पर्व हैं। इस पर्व में केरल और महाराष्ट्र सहित अन्य कोरोना प्रभावित प्रदेश से, बिहार के रहने वाले लोग, खास कर मजदूर तबके के लोग जरूर आएंगे। आशंका यह जताई जा रही है कि यह लोग कोरोना की तीसरी लहर को साथ लेकर बिहार आएँगे और एक बार फिर से, बिहार बड़ी मुसीबत को झेलने के लिए विवश होगा।

Front Headlines Hindi

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अब जातीय जनगणना को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार अड़े https://frontheadlines.com/bihar-patna-nitish-kumar-on-caste-census/ https://frontheadlines.com/bihar-patna-nitish-kumar-on-caste-census/#respond Sun, 26 Sep 2021 15:49:08 +0000 https://frontheadlines.com/?p=242 जातिगत जनगणना से होगा देश का भला : नीतीश कुमारवरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : पहले लालू प्रसाद यादव, फिर तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और बिहार कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी ने जातीय जनगणना को बेहद जरूरी बताया था। अब, बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी इन नेताओं की तर्ज …

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जातिगत जनगणना से होगा देश का भला : नीतीश कुमार
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : पहले लालू प्रसाद यादव, फिर तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और बिहार कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी ने जातीय जनगणना को बेहद जरूरी बताया था। अब, बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी इन नेताओं की तर्ज पर जातीय जनगणना में देश की भलाई देख रहे हैं। देश में जातीय जनगणना का मुद्दा एक बार फिर से बहस का बड़ा विषय बन गया है। वैसे, यह बेहद खास बात है कि केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई जातिगत जनगणना नहीं होने जा रही है। लेकिन इससे ईतर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जातीय जनगणना कराने के पक्षधर हैं। रविवार को दिल्ली में सीएम नीतीश ने एक बार फिर जातीय जनगणना को देश के लिए बेहद जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि अगर जातीय जनगणना नहीं होती है तो, ये उचित नहीं है। दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक से निकलने के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग बिलकुल उचित है। इसका पीछे तर्क भी है। इससे लोगों को लाभ मिलने वाला है। आजादी के पहले भी देश में जातिगत जनगणना हुई और आजादी के बाद भी हुई थी। जाहिर सी बात है कि जातीय जनगणना होने के बाद ही लोगों की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल पाएगी। पिछड़ों और अति-पिछड़ों को समाज में आगे बढ़ाने में भी जातीय जनगणना काफी मददगार साबित होगी। नीतीश कुमार ने कहा कि 2011 में सरकार ने जो जनगणना कराई थी, वो जातीय जनगणना नहीं बल्कि सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना थी। दोनों में काफी अंतर है। जातीय जनगणना के अलावा सरकार ने सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराई थी जो कि उस समय ठीक से नहीं हो पाया था। आलम यह है कि उसका प्रकाशन भी नहीं हो सका था। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि 2011 में हुई जनगणना में कुछ गड़बड़ियां हुईं थी। जब लोगों से उनकी जाति के बारे में पूछा गया था तो, कईयों ने अपनी उप जाति बता दी थी। ऐसे में जरूरत थी, उप जाति को जाति से जोड़ने की लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अगर यही काम सही ढ़ंग से किया जाए तो, आंकड़े बिल्कुल सही आएंगे। इसके लिए कर्मचारियों को सही तरीके से ट्रेनिंग दिलवानी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई ऐसा कहता है कि 2011 में हुई सामाजिक और आर्थिक जनगणना के परिणाम के आधार पर जातीय जनगणना नहीं हो सकती तो, यह उचित नहीं है। सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि इस मसले पर गम्भीरता से विचार करने के बाद, जातीय जनगणना कराएं। जहाँ तक बात राज्य आधार पर जातीय जनगणना कराने की है तो ,इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी और उसमें जो निर्णय होगा सरकार वैसा ही करेगी। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना की माँग केवल बिहार ही नहीं बल्कि देश के कई अन्य राज्यों के द्वारा भी की जा रही है। ऐसे में जातीय जनगणना हो तो, इससे देश के विकास में और सहायता मिलेगी।

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बिहार पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग शुरू, 151 पंचायतों में हो रहे हैं चुनाव https://frontheadlines.com/bihar-panchayat-chunav/ https://frontheadlines.com/bihar-panchayat-chunav/#respond Fri, 24 Sep 2021 05:35:00 +0000 https://frontheadlines.com/?p=214 मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : बिहार में पंचायत चुनाव के लिए आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है। पंचायत चुनाव के दौरान आज कुल 151 पंचायतों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। आज कुल 10 जिलों में मतदान हो रहे हैं। इनमें जमुई, अरवल, गया, कैमूर, नवादा, बांका, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद और …

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मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : बिहार में पंचायत चुनाव के लिए आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है। पंचायत चुनाव के दौरान आज कुल 151 पंचायतों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। आज कुल 10 जिलों में मतदान हो रहे हैं। इनमें जमुई, अरवल, गया, कैमूर, नवादा, बांका, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद और मुंगेर शामिल हैं। पहले चरण में जमुई के सिकंदरा, अरवल के सोनभद्र वंशी सूर्यपुर, गया के बेलागंज और खिजरसराय, कैमूर के कुदरा, नवादा के गोविंदपुर, बांका के धोरैया, रोहतास के दावथ और संझौली, औरंगाबाद के औरंगाबाद, जहानाबाद के काको और मुंगेर के तारापुर प्रखंडों में मतदान हो रहा है। 6 पदों में  मुखिया,पंचायत समिति सदस्य,  पंचायत सदस्य और जिला परिषद सदस्य का चुनाव ईवीएम से और पंच एवं सरपंच का चुनाव बैलेट बॉक्स से हो रहा है।

मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र या वैकल्पिक पहचान पत्र के आधार पर मतदान की ईजाजत दी गयी है। गौरतलब है कि पहले चरण की वोटिंग के लिए 12 हजार से अधिक पुलिस पदाधिकारी और कर्मी तैनात किए गए हैं। पहले चरण में 156 मतदान भवन, नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं। इसको देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा के तगड़े और पुख्ता इंतजाम किए हैं। पुलिस मुख्यालय के अनुसार सभी मतदान भवनों, सेक्टर, ईवीएम क्लस्टर, जोन, अनुमंडलीय और जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के लिए 2300 से अधिक पुलिस पदाधिकारी सहित 10 हजार से अधिक जिला पुलिस बल, होमगार्ड, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस व सैप के जवानों को प्रतिनियुक्त किया गया है। राज्य मुख्यालय की तरफ से कहा है कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए पूरी तैयारी की गई है। अभी तक कहीं से भी किसी तरह के अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।

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बाँका जिले का मंदार पर्वत, देश का है ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल https://frontheadlines.com/bihar-tourism-banka/ https://frontheadlines.com/bihar-tourism-banka/#respond Thu, 23 Sep 2021 17:52:10 +0000 https://frontheadlines.com/?p=195 वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंहबिहार के बाँका जिले का मंदार पर्वत की चर्चा, भारतीय पौराणिक ग्रन्थों में भी वृहत्तर तरीके से की गई है। ऐतिहासिक पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार मंदार पर्वत अपने अंचल में 88 कुण्डों को समेटता था। इनमें से कई कुण्ड आज भी दर्शनीय हैं। इनमें सबसे बड़ा पर्वत के आधार पर अवस्थित …

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह
बिहार के बाँका जिले का मंदार पर्वत की चर्चा, भारतीय पौराणिक ग्रन्थों में भी वृहत्तर तरीके से की गई है। ऐतिहासिक पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार मंदार पर्वत अपने अंचल में 88 कुण्डों को समेटता था। इनमें से कई कुण्ड आज भी दर्शनीय हैं। इनमें सबसे बड़ा पर्वत के आधार पर अवस्थित पापहरणी कुण्ड है। मकर संक्राति एवं आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया तिथि पर दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु इस कुण्ड में स्नान करने आते हैं। इस कुण्ड को क्षीरसागर का प्रतीक मानते हुए इसके मध्य में शेषशायी विष्णु का लक्ष्मी नारायण मंदिर बनाया गया है, जो इस कुण्ड के आकर्षण और भव्यता को और बढ़ा देता है। पापहरणी के अलावा भाख कुण्ड भी एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है। इसके बारे मे मान्यता है कि इसके मध्य में विष्णु का पाँचजन्य भाख रखा है। इसी भाख से शिव ने सागर मंथन के पश्चात निकले विष का पान किया था, जिसके प्रभाव से भांख नीलवर्ण हो गया है। इसके अलावा सीता कुण्ड भी श्रद्धा का एक केन्द्र है, जहाँ लोक प्रचलित मान्यता के अनुसार वनवास अवधि में सीता ने सूर्य की उपासना में छठ व्रत किया था। पर्वत के मध्य में एक गुफा में विष्णु के नरसिंह रूप की एक मूर्ति है, जिसके नाम पर यह गुफा “नरसिंह गुफा” के नाम से प्रचलित है। पर्वत के आधार स्थल पर सफा धर्म का सत्संग मंदिर है, जिसमें इस मत के प्रवर्तक स्वामी चन्दरदास के चरण चिह्न मौजूद हैं और इस मत के अनुयायियों के लिए यह मंदिर अधिवेशन केन्द्र के रूप में प्रयुक्त होता है। मंदार के पूरब की ओर तलहटी में प्राचीन लखदीपा मंदिर का जीर्णावषश अवस्थित है, जहाँ दीपावली की संध्या को एक लाख दीपों का विहंगम प्रज्जवलन किया जाता था। 1505 इस्वी में चैतन्य महाप्रमु का मंदार आगमन हुआ था और जिसके स्मृति स्वरूप उनके चरण चिह्न एक चबुतरे पर आज भी दर्शनीय है। इन स्थलों के अतिरिक्त भी पर्वत पर शिव, सिंहवाहिनी दुर्गा, महाकाली, नरसिंह आदि की सुन्दर मूर्तियाँ चारो तरफ अवस्थित हैं।
मंदार पर्वत का सांस्कृतिक पक्ष
पर्वत के परिसर में वर्ष में दो बार भव्य मेले का आयोजन होता है। मकर संक्रांति पर दूर-दूर सेश्रद्धालु पापहरणी सरोवर में स्नान करने आते हैं और इस अवसर पर एक पक्ष का मेला आयोजित होता है। पहले यह मेला बौंसी मेला के नाम से लोक प्रसिद्ध था और इसकी भव्यता की चर्चा काफी दूर-दूर तक जनप्रसिद्ध थी। वर्तमान में, इसे प्रशासन के सहयोग से सांस्थानिक रूप दिया गया और अब यह प्रत्येक वर्ष मंदार महोत्सव के नाम से आयोजित होता है। मकर संक्राति के बाद आषाढ़ मास को शुक्ल द्वितीया पर भी, यहाँ एक दिवसीय मेले का आयोजन होता है। इस अवसर पर मंदार से 5 कि.मी. पूर्व की ओर बासी नगर में अवस्थित मधुसूदन मंदिर से रथयात्रा निकलती है, जिसमें भगवान मधुसूदन की गजारूद्ध मूर्ति को पापहरणी सरोवर में स्नान कराने के लिए लाया जाता है। यह रथयात्रा जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा की तर्ज पर होती है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर एकत्रित होते हैं।
मंदार पर्वत
“वीरचान्दनयोर्मध्ये मंदारो नामः पर्वत”। विष्णु पुराण की इस पंक्ति में चीर और चान्दन नदी के मध्य जिस पर्वत की ओर इंगित किया गया है, वही आज दक्षिणी बिहार के गंगा के मैदान और संथाल परगना की उच्च भूमि की संधि पर 445 मीटर की ऊँचाई तक मस्तक उठाए खड़ा मंदार पर्वत है। भागलपुर से दक्षिण दिशा में झारखंड के दुमका की ओर जाने के रास्ते में बौंसी प्रखंड में प्रवेश करते ही काले ग्रेनाईट की एक ही शिला से निर्मित प्रकृति की यह अनुपम रचना, दृष्टिगत होती है और बरबस ही अपनी ओर ध्यान आकृष्ट कर लेती है। इसके साथ ही चरण से शिखर की तरफ जाते वलयकार चिह्न दूर से ही साफ-साफ नजर आते हैं। पौराणिक आस्थाओं की मानें तो, सागर मंथन में इसे मथनी की तरह प्रयोग करने के लिए इस पर, रज्जु के तौर पर लपेटे गए नागराज वासुकी की रगड़ से बने हुए हैं।
पौराणिकता में मंदार
प्राचीन धार्मिक साहित्यों में बाल्मिकी रामायण, मार्कण्डेय पुराण, मत्स्य पुराण, वामन पुराण, स्कण्य पुराण, वृहत पुराण, विष्णु पुराण, श्री भागवत पुराण, गरुड़ पुराण, मात्पथ ब्राहमण, कोई भी मंदार के उल्लेख से अछूता नहीं रहा है। प्रायः सभी आख्यानों में इसका संबंध, किसी महत्वपूर्ण घटना से जोड़ा गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने जब असुर द्वय मधु-कैटभ कासंहार किया तो, मधु के सिर पर उन्होनें मंदार पर्वत और कैटभ के सिर पर ज्येष्ठगीर पर्वत (वर्तमान में मंदार से 25 कि.मी. उत्तर पश्चिम, रजौन में अवस्थित जैठोर) को स्थापित किया और यहीं से विष्णु का मधुसूदन रूप प्रचलित हुआ। यह मंदिर, मंदार पर्वत के चरण स्थली में अवस्थित है। मत्स्यपुराण और वामन पुराण की कथा के अनुसार मंदार पर्वत ही शिव की निवास स्थली थी। यहॉं से रावण द्वारा उन्हें उठा कर लंका ले जाने के क्रम में, रास्ते में वर्तमान देवघर भूमि पर रख देने के कारण शिव वैद्यनाथ के रूप में वहीं स्थापित हो गए और वैधनाथधाम तीर्थ की स्थापना हुई। वहीं, मार्कण्डेय पुराण का दावा है कि देवी दुर्गा ने महिषासुर  का संहार, मंदार पर्वत देव से ही किया था। लोक प्रचलित मान्यता के अनुसार, वनवास की अवधि में सीता ने मंदार पर्वत के मध्य स्थित कुंड में छठ व्रत किया था। आज भी वह कुण्ड, सीता कुण्ड के नाम से अवस्थित है।
मंदार और जैन धर्म


हिन्दू धर्म के अलावा जैन परम्परा में भी मन्दार पर्वत की तीर्थस्थली के रूप में व्यापक महत्ता है। जैन धर्म के 12 वें तीर्थकर वसुपूज्य जो मूलतः चम्पापुरी के राजकुमार थे, ने इसी पर्वत को अपनी साधना भूमि के रूप में चुना था और अंततः यहीं निर्वाण को प्राप्त हुए थे। जैन मतावलंबियों के अनुसार वसुपूज्य के चरण चिन्ह अभी भी मंदार पर्वत के शिखर पर धिष्ठापित है। हालांकि वैष्णव मतावलंबियों में यह चिह्न, विष्णुपाद चिह्न के रूप में मान्य और पूज्य है।
सफा धर्म और मंदार
सफा धर्म बीसवीं सदी में एक स्थानीय सुधारक एवं धर्म प्रचारक श्री चन्दर दास जी द्वारा प्रवर्तित मता है। इस मत का प्राणतत्व है, बाह्य आचरण के साथ-साथ अपने अन्तर्मन की शुद्धता पर जोर। इस मत के सुधारवादी संदेश के कारण आस-पास के आदिवासी जनसमुदाय में इसे काफी लोकप्रियता प्राप्त हुई और बड़ी संख्या में संथाल और पहड़िया जैसे वनवासी समुदाय के लोग, इस मत के सत्संग में हिस्सा लेने लगे। इस धर्म के गतिविधियों का केन्द्र भी मंदार पर्वत अंचल ही रहा। इस प्रकार मंदार पर्वत तीन धर्मों की त्रिवेणी से सज्जित है। इसके चरणस्थली में सफा धर्म के केंद्र के रूप में सत्संग कुटिया अवस्थित है, तो मध्य भाग में नरसिंह गुफा के रूप में वैष्णव प्रभाव स्पष्ट होता है। वहीं, मंदार पर्वत का शिखर वसुपज्य के निर्वाण स्थल के रूप में एक जैन तीर्थ के रूप में स्थापित है। किन्तु, इन तीनो धर्मों को मंदार ने अपने अंचल में इस सौहार्द के साथ समेटा है कि एक ही चिन्ह को जैन मतावलंबी वसुपूज्य के चरण चिन्ह के रूप में, वैष्णव विष्णु पद मान कर के सदियों से पूजते आ रहे हैं। इसी पौराणिक मंदार पर्वत पर नवनिर्मित आकाशीय रज्जु पथ का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने, बीते मंगलवार को रिमोट का बटन दबा कर उद्घाटन किया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिलापट्ट का भी अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने आकाशीय रज्जु पथ से मंदार पर्वत के शीर्ष पर पहुँच कर जैन मंदिर में भगवान महावीर की पूजा-अर्चना कर बिहार वासियों के सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। जैन मंदिर के दर्शन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने मंदार पर्वत के आसपास बसे इलाकों के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने मंदार पर्वत पर स्थित सीता कुंड का भी निरीक्षण किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस जगह पर रोपवे का निर्माण हुआ है। इसके उद्घाटन का आज मुझे अवसर मिला है। यह जगह ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का है। इसका काफी पौराणिक महत्व है।

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सोनपुर मेले के आयोजन के लिए उप मुख्यमंत्री से मिले भाजपा नेता ओम कुमार सिंह https://frontheadlines.com/sonpur-mela/ https://frontheadlines.com/sonpur-mela/#respond Thu, 23 Sep 2021 17:39:00 +0000 https://frontheadlines.com/?p=192 मुकेश कुमार सिंहपटना (बिहार) : बिहार के सुप्रसिद्ध सोनपुर मेले के आयोजन की मांग को लेकर वरीय भाजपा नेता सह अधिवक्ता ओम कुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज  पटना में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी से मिला तथा उनसे गुहार लगाई के इस वर्ष सोनपुर मेला आयोजन की प्रशासनिक अनुमति प्रदान की जाए। उप …

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मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : बिहार के सुप्रसिद्ध सोनपुर मेले के आयोजन की मांग को लेकर वरीय भाजपा नेता सह अधिवक्ता ओम कुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज  पटना में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी से मिला तथा उनसे गुहार लगाई के इस वर्ष सोनपुर मेला आयोजन की प्रशासनिक अनुमति प्रदान की जाए। उप मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि मेले का आयोजन पिछले वर्ष भी नहीं हो पाया था, जिसके कारण हजारों परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति कायम हो गई है। कोरोना की भयावहता इस समय काफी कम है। इस कारण से मेले का आयोजन जनहित में होना चाहिए ‌। उप मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा के शिष्टमंडल को आश्वासन दिया गया कि सोनपुर मेले के विषय में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस विषय पर बात करेंगे और उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि इस साल सोनपुर मेला लगाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगी। वरीय भाजपा नेता सह अधिवक्ता ओम कुमार सिंह के नेतृत्व में सोनपुर से भाजपा जदयू के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बिहार की मुख्यमंत्री रेणु देवी से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजन सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष स्वर्ण प्रकोष्ठ जदयू विनोद कुमार सिंह, नगर अध्यक्ष भाजपा मुकेश कुमार सिंह, राज्य परिषद सदस्य नंदकिशोर सिंह, पिंटू कुमार, रजनीश कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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“लेट्स इंस्पायर बिहार” कैंपन के तहत डॉ. रमण किशोर और पटना एम्स के डॉक्टरों के द्वारा  निःशुल्क ग्रामीण स्वास्थ्य शिविर का हुआ आयोजन  https://frontheadlines.com/lets-inspire-bihar-2021/ https://frontheadlines.com/lets-inspire-bihar-2021/#respond Tue, 21 Sep 2021 18:09:00 +0000 https://frontheadlines.com/?p=203 वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंहपटना (बिहार) : प्रभा आरोग्य रथ द्वारा अपने 50 वें निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन विश्वनाथ फार्म्स और चकबैरया गाँव में किया गया। इस स्वास्थ्य शिविर के मुख्य अतिथि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सह बिहार सरकार के गृह विभाग के विशेष सचिव विकाश वैभव एवं सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने …

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : प्रभा आरोग्य रथ द्वारा अपने 50 वें निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन विश्वनाथ फार्म्स और चकबैरया गाँव में किया गया। इस स्वास्थ्य शिविर के मुख्य अतिथि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सह बिहार सरकार के गृह विभाग के विशेष सचिव विकाश वैभव एवं सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। इस खास मौके पर कोरोना वारियर्स डॉक्टर एवं समाजसेवी को “आरोग्य विहार सम्मान” से सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर अपने सम्बोधन मे विकास वैभव ने कहा की मैं बहुत दिनों से डॉ. रमण के समाजिक कार्यों का अवलोकन कर रहा हूँ। डॉ. रमण ऐसे ग्रामीण ईलाके में पहुँचने की कोशिश कर रहें हैं, जहाँ समान्यतः कोई नही जाना चाहता है। गौरतलब है कि अवकाश के समय, हर व्यक्ति आराम करना चाहता है और क्रियाशील साप्ताहिक थकान को दूर करना चाहता है। लेकिन उस आराम के समय में समाज के लिए सोचना, बेहद बड़ी बात है। ऐसे मानवीय कृत्य हमें प्रेरित करते हैं। शायद, यही कारण रहा है कि हम लोग आपस में जुड़े। मुझे पहली ही मुलाक़ात में, यह लगा कि इनके अंदर ऊर्जा पुँज है। समाज के लिए कुछ करने की भावना प्रबल और उच्च कोटि की है।

अपने सम्बोधन में सुपर 30 के आनंद कुमार ने कहा कि 50 निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करना बड़ी बात है। मैं डॉ. रमण किशोर एवं उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ और आशा करता हूँ की जल्द ही हम 100 वाँ शिविर का आयोजन भी करेंगे। हमारी शुभकामना उनके साथ है।बातचीत के दौरान डॉ. रमण ने कहा कि वो अपने स्टाईपन के पैसे से रविवार एवं अवकाश के दिनों मे पटना के ग्रामीण इलाके में जाकर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करते हैं और यह शिविर पूर्णतः निःशुल्क होता है। डॉ. रमण ने अनुसार हाई ब्लड प्रेशर एवं डायबिटीज अधिकांश लोगों में होने वाली बीमारी है। इस रोग मे आरंभिक अवस्था मे अधिकांश लोगों में कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं। इसलिए, उन्हें पता नहीं होता है कि वह बीमार हैं। धीरे-धीरे यह रोग शरीर के महतपूर्ण अंग जैसे दिल, किडनी, ब्रेन, आँख आदि को प्रभावित करते हैं और मरीज लकवा, हार्ट फेलियर, किडनी फेल जैसे जानलेवा बीमारी से ग्रसित हो जाता है। हमारा उद्देश्य बीमारी के आरंभिक अवस्था का पता लगाना है एवं मरीज को नियमित जाँच एवं दवा खाने के लिए प्रेरित करना है। इससे समय रहते ही उसकी जान बचायी जा सके।इस कार्यक्रम का आयोजन लेट्स इंस्पायर बिहार, प्रयास भारती ट्रस्ट एवं अजय सिंह की गरिमामय उपस्थिति मे किया गया। मंच का संचालन डॉ. दीक्षा के द्वारा किया गया। इस मौके पर ऑक्सीजन मैन गौरव राय, डॉ. सुमन लाल, शक्ति सिंह, डॉ. अभिषेक, डॉ. अभिनव, डॉ. अमृता,डॉ. सरिता, डॉ. किशोर, डॉ. विजय, विकास सिंह, गौरव राज, सतीश गाँधी एवं लेट्स इंस्पायर बिहार के कई अन्य सदस्य भी मौजूद थे

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