patna news Archives - FRONT HEADLINES https://frontheadlines.com/tag/patna-news/ सच दिखाने की जिद Thu, 07 Oct 2021 14:04:25 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://frontheadlines.com/wp-content/uploads/2021/09/cropped-Front_Headlines_Logo_500x258-32x32.jpg patna news Archives - FRONT HEADLINES https://frontheadlines.com/tag/patna-news/ 32 32 मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से प्रभावित कई ईलाकों का किया हवाई सर्वेक्षण https://frontheadlines.com/nitish-kumar-bihar/ https://frontheadlines.com/nitish-kumar-bihar/#respond Thu, 07 Oct 2021 14:04:19 +0000 https://frontheadlines.com/?p=291 वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह पटना (बिहार) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, सहरसा एवं समस्तीपुर जिले के अतिवृष्टि से प्रभावित ईलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर के जायजा लिया। इस दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल एवं मुख्यमंत्री के प्रधान …

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, सहरसा एवं समस्तीपुर जिले के अतिवृष्टि से प्रभावित ईलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर के जायजा लिया। इस दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार मौजूद रहे।

हवाई सर्वेक्षण से लौटने के पश्चात, पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, सहरसा एवं समस्तीपुर जिले के अतिवृष्टि से प्रभावित ईलाके का एरियल सर्वे किया है। उन्हें जानकारी मिली थी कि किन-किन जगहों पर फसल क्षति हुई है। बृहस्पतिवार को इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक भी होगी। जिन जगहों का हमने एरियल सर्वे किया है, उसके अलावा जिन-जिन जगहों पर फसल क्षति हुई है, वहाँ की भी रिपोर्ट मांगी गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन इलाकों में वर्षापात के कारण फसल को नुकसान पहुँचा है, वैसी सभी जगहों का भी आंकलन जरूरी है। ताकि, सभी प्रभावित लोगों को सहायता दी जा सके। हमारा यही उद्देश्य है। सरकार का जो नियम है, उसके मुताबिक सभी प्रभावित लोगों को सहायता दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने महागठबंधन में उपचुनाव को लेकर टूट के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका एनालिसिस करना मीडिया का काम है।

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बिहार में पूरी तरह से दरकने लगा है महागठबंधन https://frontheadlines.com/bihar-mahagathbandhan-tejashvi-yadav/ https://frontheadlines.com/bihar-mahagathbandhan-tejashvi-yadav/#respond Tue, 05 Oct 2021 12:05:18 +0000 https://frontheadlines.com/?p=274 उपचुनाव के दो सीटों पर राजद और कॉंग्रेस है आमने-सामने वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह पटना (बिहार) : बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों, कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उपचुनाव होने वाले हैं। एनडीए की तरफ से जदयू ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर जदयू …

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उपचुनाव के दो सीटों पर राजद और कॉंग्रेस है आमने-सामने

वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों, कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उपचुनाव होने वाले हैं। एनडीए की तरफ से जदयू ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर जदयू के प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की थी। जदयू के महेश्वर हजारी ने कुशेश्वर स्थान और मेवा लाल चौधरी ने तारापुर से जीत हासिल की थी लेकिन दोनों का असामयिक निधन हो गया, जिसके कारण उप चुनाव की नौबत आई है। जदयू ने कुशेश्वर स्थान सुरक्षित सीट से अमन हजारी और तारापुर से राजीव कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। इन दोनों सीटों को लेकर महागठबंधन में दो फाड़ हो गया है। राजद ने रविवार को इन दोनों सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राजद ने तारापुर से अरुण साह और कुशेश्वर स्थान सुरक्षित सीट से गणेश भारती को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कुशेश्वर स्थान सुरक्षित सीट कॉंग्रेस के हिस्से में थी। जाहिर सी बात है कि कॉंग्रेस किसी भी कीमत पर दरभंगा के कुशेश्वरस्थान सीट पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। बिहार कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने तो, यहाँ तक कह दिया है कि इन दोनों सीटों पर एक-दो दिनों में कॉंग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने जा रही है। उन्होंने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय, महागठबंधन को राजद के डिक्टेटरशिप की कीमत चुकानी पड़ी थी। पहले जीतन राम मांझी ने किनारा किया, फिर उपेंद्र कुशवाहा ने दूसरी राह पकड़ ली। आखिर में मुकेश साहनी ने भी एनडीए का था दामन थाम लिया। दीगर बात है कि एनडीए में इन दिनों ऑल इज वेल की स्थिति है, वहीँ महागठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं है। कॉंग्रेस राजद पर दबाब बनाना चाहती थी, पर राजद किसी भी कीमत पर इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की जीत चाहता है। इसी कारण से राजद ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

खबर यह भी मिल रही है कि राजद चीफ लालू प्रसाद यादव इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की चुनावी सभाओं को संबोधित भी करेंगे। लालू प्रसाद यादव, बहुत जल्द दिल्ली से बिहार आ रहे हैं। तारापुर विधानसभा क्षेत्र से पिछली बार राजद ने अपने कद्दावर नेता जयप्रकाश नारायण यादव के पुत्री को टिकट दिया था लेकिन इस बार राजद ने यहाँ से एक नए उम्मीदवार को टिकट दिया है। तारापुर कुशवाहा और यादव मतदाता बहुल क्षेत्र है। यहाँ से यादव और कुशवाहा समाज के लोग ही चुनाव जीतते आए हैं। लेकिन राजद ने इस बार नया प्रयोग करते हुए तारापुर विधानसभा क्षेत्र से बनिया समाज के व्यक्ति को टिकट दिया है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि यह सब स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं के द्वारा मिले फीडबैक के आधार पर निर्णय लिया गया है। लड़ाई दोनों सीटों पर काफी टफ होने वाली है। कॉंग्रेस के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने हमसे हुई बातचीत के दौरान कहा है कि उनकी पार्टी अब केवल कुशेश्वरस्थान ही नहीं बल्कि तारापुर विधानसभा सीट से भी अपने उम्मेदवार उतारेगी। अजीत शर्मा ने कहा कि राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है। 2020 के विधानसभा चुनाव के समय ही यह तय हुआ था कि तारापुर सीट राजद के हिस्से में रहेगी और कुशेश्वर स्थान सीट से कॉंग्रेस अपना कैंडिडेट देगी। लेकिन रविवार को अचानक प्रेस कांफ्रेंस कर राजद ने इन दोनों ही सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, जो कि बेहद आश्चर्य की बात है।अजीत शर्मा ने कहा कि कुशेश्वरस्थान कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। चूंकि राजद ने वहाँ भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। उस सीट से कॉंग्रेस के अशोक राम, हर हाल में चुनाव लड़ेंगे। साथ ही, अब तारापुर सीट से भी पार्टी चुनाव लड़ेगी। इधर, चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोजपा भी इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पप्पू यादव की पार्टी और पलूरल्स पार्टी, अलग से अपने-अपने उम्मीदवार चुनावी समर में उतारने की तैयारी में है। जाहिर तौर पर महागठबंधन के अंदर बिखराव का फायदा, जदयू को मिलना तय है। बिहार की राजनीति को नजदीक से जानने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि तारापुर सीट पर जदयू ने कुशवाहा समाज के व्यक्ति को टिकट दिया है। ऐसे में, राजद ने बनिया समाज के व्यक्ति को टिकट देकर यह संदेश दिया है कि वह सर्व समाज की बात करता है। ऐसे में, बनिया समाज और अन्य दबी-कुचली जातियों का वोट तो राजद को मिलेगा ही साथ ही साथ ही यादव भी राजद उम्मीदवार को वोट देंगे। बेहद दिलचस्प बात यह है कि जानकारों का कहना है कि इससे, जदयू उम्मीदवार को परेशानी हो सकती है। वैसे, कुशेश्वरस्थान सीट पर जदयू के साथ सहानुभूति लहर है। यहाँ यह बात भी काफी महत्वपूर्ण है कि इस क्षेत्र पर, कॉंग्रेस की भी अच्छी पकड़ है। कांग्रेस और राजद के बीच दूरी नई बात नहीं है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही राजद के रणनीतिकार मानते हैं कि कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने का ही नतीजा था कि पार्टी सर्वेक्षणों में आगे रहने के बावजूद मामूली अंतर से सत्ता की कुर्सी पर बैठने से पीछे रह गई। दूसरी तरफ कॉंग्रेस के स्थानीय नेताओं को लगता है कि राजद ने पूरी पार्टी को अपने बैसाखी पर टिका दिया है। पार्टी में जो नेता राजद के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें ठिकाना लगा दिया जाता है। राजद जहाँ जोड़-तोड़ गठजोड़ के बल पर सत्ता में वापस लौटने के किसी भी मौके को छोड़ना नहीं चाह रहा है, वहीँ जदयू की नजर कॉंग्रेस के विधायकों पर बनी हुई है। 2 सीटों पर होने वाले इस उप चुनाव से किसकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा, यह तो आने वाला चुनाव परिणाम ही बताएगा लेकिन फिलहाल महागठबंधन की दरारें अब तेजी से बढ़ने लगी हैं।

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जातीय जनगणना के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अलग से बना रहे रणनीति https://frontheadlines.com/tejashwi-on-caste-census/ https://frontheadlines.com/tejashwi-on-caste-census/#respond Tue, 28 Sep 2021 15:21:36 +0000 https://frontheadlines.com/?p=267 वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह पटना (बिहार) : बिहार सहित देश के सभी राज्यों में जातीय जनगणना कराने के लिए अलग-अलग दलों के सुप्रीमों के साथ 11 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुका है। प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने अपने-अपने तरीके से पीएम …

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : बिहार सहित देश के सभी राज्यों में जातीय जनगणना कराने के लिए अलग-अलग दलों के सुप्रीमों के साथ 11 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुका है। प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने अपने-अपने तरीके से पीएम के सामने, जातीय जनगणना की जरूरत को लेकर अपनी बात रखी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के जरिए केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश में जातीय जनगणना नहीं कराई जाएगी। यानि प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात और उनकी बातों को पीएम ने एक तरह से खारिज कर दिया है। ऐसे में, नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड को इस मसले पर कोई कड़ा स्टैंड लेना चाहिए था लेकिन पार्टी कोई भी मजबूत स्टैंड नहीं ले पा रही है। यह सच है कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड फिलहाल आंदोलन के लिए, कहीं से भी तैयार नजर नहीं आ रही। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश का इंतजार किए बगैर जातीय जनगणना के मसले पर आंदोलन की रूपरेखा तय करने का मन बना लिया है। पिछले दिनों आरजेडी की बैठक को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद यादव ने भी इस बात का एलान किया था। लालू रसद यादव ने ट्वीट के जरिये केंद्र सरकार और भाजपा पर भी निशाना साधा था।

लालू प्रसाद यादव, हर हाल में जातीय जनगणना के पक्ष में लगातार बयान दे रहे हैं। लालू प्रसाद यादव के बेटे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना कराने के लिए अपनी कमर को पूरी तरह से कस लिया है। उनके बयानों से पहले ही स्पष्ट है कि उनकी पार्टी इस मसले पर आंदोलन करेगी। आरजेडी में आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए, तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के जिलाध्यक्षों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। आगामी 4 और 5 अक्टूबर को आरजेडी के जिलाध्यक्षों के साथ-साथ प्रधान महासचिवों और प्रखंड अध्यक्षों की बैठक, पटना में बुलाई गई है। वैसे, आधिकारिक तौर पर इन सभी को पार्टी के प्रशिक्षण शिविर के लिए बुलाया गया है लेकिन इसी दौरान जातीय जनगणना को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तय होगी। गौरतलब है कि जातीय जनगणना के मसले पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ खड़े रहे हैं। इसी वजह से, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार विधानमंडल का एक शिष्टमंडल जब प्रधानमंत्री से मिलने गया तो, वहाँ तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार के साथ थे। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के सामने खुद कहा था कि वह तेजस्वी यादव के कहने पर उनसे मिलने आए हैं। हालांकि इस मुलाकात का कोई नतीजा नहीं निकला और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए स्पष्ट कर दिया कि जातीय जनगणना नहीं कराई जा सकती है। अब आगे यह देखना होगा कि तेजस्वी यादव इस मसले पर आंदोलन कर के, पॉलिटिकल माईलेज लेते हैं, या जेडीयू भी उनके पीछे, या साथ आता है। दीगर बात है कि बिहार की राजनीति जाति और धर्म के इर्द-गिर्द मंडराती रही है। ऐसे में, जातीय जनगणना का मामला बिहार के लिए हॉटकेक बन गया है।

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जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बनाई नई टीम https://frontheadlines.com/jdu-lallan-singh-news/ https://frontheadlines.com/jdu-lallan-singh-news/#respond Tue, 28 Sep 2021 15:09:17 +0000 https://frontheadlines.com/?p=262 वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह पटना (बिहार) : जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय टीम में बड़ा बदलाव हुआ है। जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद ही पार्टी में बड़े बदलाव की शुरुआत कर दी थी। मंगलवार को संगठन की समीक्षा करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपनी …

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय टीम में बड़ा बदलाव हुआ है। जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद ही पार्टी में बड़े बदलाव की शुरुआत कर दी थी। मंगलवार को संगठन की समीक्षा करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया है। पदाधिकारियों की नई टीम बना दी गई है। जेडीयू ने एक बार फिर से केसी त्यागी को जहाँ पार्टी का प्रधान महासचिव बनाया है, वहीँ उपेंद्र कुशवाहा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए हैं। खास बात यह है कि ललन सिंह की नई टीम में आरसीपी सिंह के करीबियों को जगह नहीं मिली है।

आरसीपी सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते पार्टी से नाराज होने वाले राजीव रंजन प्रसाद को अब राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है। डॉ. आलोक कुमार सुमन, जो लोकसभा सांसद हैं, उन्हें एक बार फिर से कोषाध्यक्ष की कुर्सी दी गई है। इसके अलावा राष्ट्रीय महासचिव के पद पर सांसद रामनाथ ठाकुर, मोहम्मद अली अशरफ फातमी, राम सेवक सिंह, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा, विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी, अफाक आलम खान और प्रवीण सिंह को बिठाया गया है। इतना ही नहीं, ललन सिंह के कारण आरजेडी छोड़ कर जेडीयू में शामिल होने वाले विधान पार्षद, कमरे आलम को भी राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। साथ ही साथ, ललन सिंह के करीबी माने जाने वाले हर्षवर्धन सिंह भी अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव होंगे। ललन सिंह ने अपनी मर्जी की टीम बनाई है जिसमें, आरसीपी सिंह को पूरी तरह से अंडर एस्टीमेट करने की कोशिश की गई है। आगे यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि पार्टी के इस नए स्वरूप से पार्टी के अन्य बड़े नेता कितना खुश और कितना नाराज होते हैं। इतना तो साफ है कि इस नई टीम से पार्टी, निसन्देह, प्रभावित होगी।

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अब जातीय जनगणना को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार अड़े https://frontheadlines.com/bihar-patna-nitish-kumar-on-caste-census/ https://frontheadlines.com/bihar-patna-nitish-kumar-on-caste-census/#respond Sun, 26 Sep 2021 15:49:08 +0000 https://frontheadlines.com/?p=242 जातिगत जनगणना से होगा देश का भला : नीतीश कुमारवरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : पहले लालू प्रसाद यादव, फिर तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और बिहार कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी ने जातीय जनगणना को बेहद जरूरी बताया था। अब, बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी इन नेताओं की तर्ज …

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जातिगत जनगणना से होगा देश का भला : नीतीश कुमार
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : पहले लालू प्रसाद यादव, फिर तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और बिहार कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी ने जातीय जनगणना को बेहद जरूरी बताया था। अब, बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी इन नेताओं की तर्ज पर जातीय जनगणना में देश की भलाई देख रहे हैं। देश में जातीय जनगणना का मुद्दा एक बार फिर से बहस का बड़ा विषय बन गया है। वैसे, यह बेहद खास बात है कि केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई जातिगत जनगणना नहीं होने जा रही है। लेकिन इससे ईतर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जातीय जनगणना कराने के पक्षधर हैं। रविवार को दिल्ली में सीएम नीतीश ने एक बार फिर जातीय जनगणना को देश के लिए बेहद जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि अगर जातीय जनगणना नहीं होती है तो, ये उचित नहीं है। दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक से निकलने के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग बिलकुल उचित है। इसका पीछे तर्क भी है। इससे लोगों को लाभ मिलने वाला है। आजादी के पहले भी देश में जातिगत जनगणना हुई और आजादी के बाद भी हुई थी। जाहिर सी बात है कि जातीय जनगणना होने के बाद ही लोगों की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल पाएगी। पिछड़ों और अति-पिछड़ों को समाज में आगे बढ़ाने में भी जातीय जनगणना काफी मददगार साबित होगी। नीतीश कुमार ने कहा कि 2011 में सरकार ने जो जनगणना कराई थी, वो जातीय जनगणना नहीं बल्कि सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना थी। दोनों में काफी अंतर है। जातीय जनगणना के अलावा सरकार ने सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराई थी जो कि उस समय ठीक से नहीं हो पाया था। आलम यह है कि उसका प्रकाशन भी नहीं हो सका था। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि 2011 में हुई जनगणना में कुछ गड़बड़ियां हुईं थी। जब लोगों से उनकी जाति के बारे में पूछा गया था तो, कईयों ने अपनी उप जाति बता दी थी। ऐसे में जरूरत थी, उप जाति को जाति से जोड़ने की लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अगर यही काम सही ढ़ंग से किया जाए तो, आंकड़े बिल्कुल सही आएंगे। इसके लिए कर्मचारियों को सही तरीके से ट्रेनिंग दिलवानी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई ऐसा कहता है कि 2011 में हुई सामाजिक और आर्थिक जनगणना के परिणाम के आधार पर जातीय जनगणना नहीं हो सकती तो, यह उचित नहीं है। सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि इस मसले पर गम्भीरता से विचार करने के बाद, जातीय जनगणना कराएं। जहाँ तक बात राज्य आधार पर जातीय जनगणना कराने की है तो ,इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी और उसमें जो निर्णय होगा सरकार वैसा ही करेगी। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना की माँग केवल बिहार ही नहीं बल्कि देश के कई अन्य राज्यों के द्वारा भी की जा रही है। ऐसे में जातीय जनगणना हो तो, इससे देश के विकास में और सहायता मिलेगी।

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इको टूरिज्म केंद्र बनने के लिए बिहार है प्रतिबद्ध https://frontheadlines.com/bihar-tourism/ https://frontheadlines.com/bihar-tourism/#respond Fri, 24 Sep 2021 17:07:39 +0000 https://frontheadlines.com/?p=225 मुकेश कुमार सिंहदिल्ली : फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) छठा नेशनल टूरिज्म इनवेस्टर्स मीट (एनटीआईएम) 23 और 24 सितंबर को आयोजित किया गया। इस मीट में बिहार को ‘थीम राज्य’ के तौर पर चयनित किया गया था। आयोजन का उद्देश्य कोविड के बाद के युग में बिहार के पर्यटन उद्योग को …

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मुकेश कुमार सिंह
दिल्ली : फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) छठा नेशनल टूरिज्म इनवेस्टर्स मीट (एनटीआईएम) 23 और 24 सितंबर को आयोजित किया गया। इस मीट में बिहार को ‘थीम राज्य’ के तौर पर चयनित किया गया था। आयोजन का उद्देश्य कोविड के बाद के युग में बिहार के पर्यटन उद्योग को फिर से लॉन्च करने के लिए टूरिज्म में निवेश को प्रोत्साहित करना है। इस दो दिवसीय इवेंट के उद्घाटन समारोह में बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद, भारत सरकार में पर्यटन विभाग के महानिदेशक जी. कमलावर्धन राव और संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन, तकनीकी सहयोग और सिल्क रोड डिवेलपमेंट (यूएनटीडब्ल्यूओ) के सुमन बिल्ला मौजूद थे। बिहार के  पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में यात्रा और पर्यटन में अपार अवसर हैं। हमने बिहार में रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट, गांधी सर्किट, सूफी सर्किट और कई और सर्किट बनाए हैं। हाल ही में, बिहार के मुख्यमंत्री ने बांका में मंदार हिल्स में रोपवे का उद्घाटन किया। पहले इसे 1 घंटे में कवर किया गया था, जो अब 3 मिनट में कवर किया जा सकेगा। ये क्रांतिकारी बदलाव है। बिहार में फ्रेश वाटर की कई झीलें हैं, जिन्हें रामसर कन्वेंशन के तहत दर्जा मिला है। राजगीर में एक नया रोपवे भी बनाया गया है। राजगीर में चिड़ियाघर सफारी, नेचर सफारी भी है और एक सुंदर कांच का पुल (ग्लास ब्रिज) बनाया गया है, जो लोगों को आकर्षित करता है। बुद्ध की भूमि बोधगया हम सभी के लिए एक पवित्र स्थान है। वाल्मीकि टाईगर रिजर्व बिहार का एक दर्शनीय स्थल है। पर्यटन के अलावा आज बिहार ‘हर थाली में बिहारी व्यंजन’ अभियान के तहत भारत के सभी प्लेटों में राजकीय व्यंजनों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। वे निवेशकों से अनुरोध करता हूँ कि बिहार में आकर निवेश करें। महावीर, सीता और बुद्ध की भूमि आप सभी का स्वागत करती है। उषा पाधेय, संयुक्त सचिव, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि  दरभंगा एयरपोर्ट बनने के बाद बिहार में पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावना बढ़ी है। दरभंगा में एयरपोर्ट बनने से रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं और साथ ही उत्तर बिहार दर्शनीय स्थल भी अब आसानी से घूमे जा सकते हैं। फिक्की की ट्रैवल, टूरिज्म और हॉस्पटिलिटी कमिटी के अध्यक्ष और ललित सूरी हॉस्पटिलिटी ग्रुप की सीएमडी डॉ. ज्योत्सना सूरी ने कहा कि बिहार में ट्रेवल और टूरिस्म को लेकर कई सम्भावनाएँ हैं। गौतम बुद्ध की धरती बोधगया का दुनिया भर में नाम है, जिसे और सुदृढ़ तरीके से उभरने की जरूरत है। राजगीर, नालंदा व गया में चेन ऑफ होटल्स की आवश्यकता है। लुंबिनी में गौतम बुद्ध के जन्म स्थान की तुलना में बिहार की भूमि का मूल्य अधिक है। बोधगया का अधिक महत्व है, इसलिए निवेश के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है। नालंदा विश्वविद्यालय ज्ञान का भंडार हुआ करता था। यह एक वास्तुशिल्प चमत्कार भी था। आने वाले समय में आगे की पीढ़ियों को इससे रूबरू कराने को आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनटीडब्ल्यूओ) के निदेशक, सुमन बिल्ला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिनेवा से बैठक में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि यूएन महामारी के प्रकोप के कारण हुए नुकसान को देखते हुए देशों में यात्रा और पर्यटन में निवेश के विचार का प्रचार कर रहा है। अब वहाँ एक सकारात्मक प्रवृत्ति है, जिसे हम देख रहे हैं। निवेश वापस आ रहा है और यह एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है।

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बिहार पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग शुरू, 151 पंचायतों में हो रहे हैं चुनाव https://frontheadlines.com/bihar-panchayat-chunav/ https://frontheadlines.com/bihar-panchayat-chunav/#respond Fri, 24 Sep 2021 05:35:00 +0000 https://frontheadlines.com/?p=214 मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : बिहार में पंचायत चुनाव के लिए आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है। पंचायत चुनाव के दौरान आज कुल 151 पंचायतों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। आज कुल 10 जिलों में मतदान हो रहे हैं। इनमें जमुई, अरवल, गया, कैमूर, नवादा, बांका, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद और …

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मुकेश कुमार सिंह  पटना (बिहार) : बिहार में पंचायत चुनाव के लिए आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है। पंचायत चुनाव के दौरान आज कुल 151 पंचायतों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। आज कुल 10 जिलों में मतदान हो रहे हैं। इनमें जमुई, अरवल, गया, कैमूर, नवादा, बांका, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद और मुंगेर शामिल हैं। पहले चरण में जमुई के सिकंदरा, अरवल के सोनभद्र वंशी सूर्यपुर, गया के बेलागंज और खिजरसराय, कैमूर के कुदरा, नवादा के गोविंदपुर, बांका के धोरैया, रोहतास के दावथ और संझौली, औरंगाबाद के औरंगाबाद, जहानाबाद के काको और मुंगेर के तारापुर प्रखंडों में मतदान हो रहा है। 6 पदों में  मुखिया,पंचायत समिति सदस्य,  पंचायत सदस्य और जिला परिषद सदस्य का चुनाव ईवीएम से और पंच एवं सरपंच का चुनाव बैलेट बॉक्स से हो रहा है।

मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र या वैकल्पिक पहचान पत्र के आधार पर मतदान की ईजाजत दी गयी है। गौरतलब है कि पहले चरण की वोटिंग के लिए 12 हजार से अधिक पुलिस पदाधिकारी और कर्मी तैनात किए गए हैं। पहले चरण में 156 मतदान भवन, नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं। इसको देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा के तगड़े और पुख्ता इंतजाम किए हैं। पुलिस मुख्यालय के अनुसार सभी मतदान भवनों, सेक्टर, ईवीएम क्लस्टर, जोन, अनुमंडलीय और जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के लिए 2300 से अधिक पुलिस पदाधिकारी सहित 10 हजार से अधिक जिला पुलिस बल, होमगार्ड, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस व सैप के जवानों को प्रतिनियुक्त किया गया है। राज्य मुख्यालय की तरफ से कहा है कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए पूरी तैयारी की गई है। अभी तक कहीं से भी किसी तरह के अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।

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बाँका जिले का मंदार पर्वत, देश का है ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल https://frontheadlines.com/bihar-tourism-banka/ https://frontheadlines.com/bihar-tourism-banka/#respond Thu, 23 Sep 2021 17:52:10 +0000 https://frontheadlines.com/?p=195 वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंहबिहार के बाँका जिले का मंदार पर्वत की चर्चा, भारतीय पौराणिक ग्रन्थों में भी वृहत्तर तरीके से की गई है। ऐतिहासिक पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार मंदार पर्वत अपने अंचल में 88 कुण्डों को समेटता था। इनमें से कई कुण्ड आज भी दर्शनीय हैं। इनमें सबसे बड़ा पर्वत के आधार पर अवस्थित …

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह
बिहार के बाँका जिले का मंदार पर्वत की चर्चा, भारतीय पौराणिक ग्रन्थों में भी वृहत्तर तरीके से की गई है। ऐतिहासिक पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार मंदार पर्वत अपने अंचल में 88 कुण्डों को समेटता था। इनमें से कई कुण्ड आज भी दर्शनीय हैं। इनमें सबसे बड़ा पर्वत के आधार पर अवस्थित पापहरणी कुण्ड है। मकर संक्राति एवं आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया तिथि पर दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु इस कुण्ड में स्नान करने आते हैं। इस कुण्ड को क्षीरसागर का प्रतीक मानते हुए इसके मध्य में शेषशायी विष्णु का लक्ष्मी नारायण मंदिर बनाया गया है, जो इस कुण्ड के आकर्षण और भव्यता को और बढ़ा देता है। पापहरणी के अलावा भाख कुण्ड भी एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है। इसके बारे मे मान्यता है कि इसके मध्य में विष्णु का पाँचजन्य भाख रखा है। इसी भाख से शिव ने सागर मंथन के पश्चात निकले विष का पान किया था, जिसके प्रभाव से भांख नीलवर्ण हो गया है। इसके अलावा सीता कुण्ड भी श्रद्धा का एक केन्द्र है, जहाँ लोक प्रचलित मान्यता के अनुसार वनवास अवधि में सीता ने सूर्य की उपासना में छठ व्रत किया था। पर्वत के मध्य में एक गुफा में विष्णु के नरसिंह रूप की एक मूर्ति है, जिसके नाम पर यह गुफा “नरसिंह गुफा” के नाम से प्रचलित है। पर्वत के आधार स्थल पर सफा धर्म का सत्संग मंदिर है, जिसमें इस मत के प्रवर्तक स्वामी चन्दरदास के चरण चिह्न मौजूद हैं और इस मत के अनुयायियों के लिए यह मंदिर अधिवेशन केन्द्र के रूप में प्रयुक्त होता है। मंदार के पूरब की ओर तलहटी में प्राचीन लखदीपा मंदिर का जीर्णावषश अवस्थित है, जहाँ दीपावली की संध्या को एक लाख दीपों का विहंगम प्रज्जवलन किया जाता था। 1505 इस्वी में चैतन्य महाप्रमु का मंदार आगमन हुआ था और जिसके स्मृति स्वरूप उनके चरण चिह्न एक चबुतरे पर आज भी दर्शनीय है। इन स्थलों के अतिरिक्त भी पर्वत पर शिव, सिंहवाहिनी दुर्गा, महाकाली, नरसिंह आदि की सुन्दर मूर्तियाँ चारो तरफ अवस्थित हैं।
मंदार पर्वत का सांस्कृतिक पक्ष
पर्वत के परिसर में वर्ष में दो बार भव्य मेले का आयोजन होता है। मकर संक्रांति पर दूर-दूर सेश्रद्धालु पापहरणी सरोवर में स्नान करने आते हैं और इस अवसर पर एक पक्ष का मेला आयोजित होता है। पहले यह मेला बौंसी मेला के नाम से लोक प्रसिद्ध था और इसकी भव्यता की चर्चा काफी दूर-दूर तक जनप्रसिद्ध थी। वर्तमान में, इसे प्रशासन के सहयोग से सांस्थानिक रूप दिया गया और अब यह प्रत्येक वर्ष मंदार महोत्सव के नाम से आयोजित होता है। मकर संक्राति के बाद आषाढ़ मास को शुक्ल द्वितीया पर भी, यहाँ एक दिवसीय मेले का आयोजन होता है। इस अवसर पर मंदार से 5 कि.मी. पूर्व की ओर बासी नगर में अवस्थित मधुसूदन मंदिर से रथयात्रा निकलती है, जिसमें भगवान मधुसूदन की गजारूद्ध मूर्ति को पापहरणी सरोवर में स्नान कराने के लिए लाया जाता है। यह रथयात्रा जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा की तर्ज पर होती है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर एकत्रित होते हैं।
मंदार पर्वत
“वीरचान्दनयोर्मध्ये मंदारो नामः पर्वत”। विष्णु पुराण की इस पंक्ति में चीर और चान्दन नदी के मध्य जिस पर्वत की ओर इंगित किया गया है, वही आज दक्षिणी बिहार के गंगा के मैदान और संथाल परगना की उच्च भूमि की संधि पर 445 मीटर की ऊँचाई तक मस्तक उठाए खड़ा मंदार पर्वत है। भागलपुर से दक्षिण दिशा में झारखंड के दुमका की ओर जाने के रास्ते में बौंसी प्रखंड में प्रवेश करते ही काले ग्रेनाईट की एक ही शिला से निर्मित प्रकृति की यह अनुपम रचना, दृष्टिगत होती है और बरबस ही अपनी ओर ध्यान आकृष्ट कर लेती है। इसके साथ ही चरण से शिखर की तरफ जाते वलयकार चिह्न दूर से ही साफ-साफ नजर आते हैं। पौराणिक आस्थाओं की मानें तो, सागर मंथन में इसे मथनी की तरह प्रयोग करने के लिए इस पर, रज्जु के तौर पर लपेटे गए नागराज वासुकी की रगड़ से बने हुए हैं।
पौराणिकता में मंदार
प्राचीन धार्मिक साहित्यों में बाल्मिकी रामायण, मार्कण्डेय पुराण, मत्स्य पुराण, वामन पुराण, स्कण्य पुराण, वृहत पुराण, विष्णु पुराण, श्री भागवत पुराण, गरुड़ पुराण, मात्पथ ब्राहमण, कोई भी मंदार के उल्लेख से अछूता नहीं रहा है। प्रायः सभी आख्यानों में इसका संबंध, किसी महत्वपूर्ण घटना से जोड़ा गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने जब असुर द्वय मधु-कैटभ कासंहार किया तो, मधु के सिर पर उन्होनें मंदार पर्वत और कैटभ के सिर पर ज्येष्ठगीर पर्वत (वर्तमान में मंदार से 25 कि.मी. उत्तर पश्चिम, रजौन में अवस्थित जैठोर) को स्थापित किया और यहीं से विष्णु का मधुसूदन रूप प्रचलित हुआ। यह मंदिर, मंदार पर्वत के चरण स्थली में अवस्थित है। मत्स्यपुराण और वामन पुराण की कथा के अनुसार मंदार पर्वत ही शिव की निवास स्थली थी। यहॉं से रावण द्वारा उन्हें उठा कर लंका ले जाने के क्रम में, रास्ते में वर्तमान देवघर भूमि पर रख देने के कारण शिव वैद्यनाथ के रूप में वहीं स्थापित हो गए और वैधनाथधाम तीर्थ की स्थापना हुई। वहीं, मार्कण्डेय पुराण का दावा है कि देवी दुर्गा ने महिषासुर  का संहार, मंदार पर्वत देव से ही किया था। लोक प्रचलित मान्यता के अनुसार, वनवास की अवधि में सीता ने मंदार पर्वत के मध्य स्थित कुंड में छठ व्रत किया था। आज भी वह कुण्ड, सीता कुण्ड के नाम से अवस्थित है।
मंदार और जैन धर्म


हिन्दू धर्म के अलावा जैन परम्परा में भी मन्दार पर्वत की तीर्थस्थली के रूप में व्यापक महत्ता है। जैन धर्म के 12 वें तीर्थकर वसुपूज्य जो मूलतः चम्पापुरी के राजकुमार थे, ने इसी पर्वत को अपनी साधना भूमि के रूप में चुना था और अंततः यहीं निर्वाण को प्राप्त हुए थे। जैन मतावलंबियों के अनुसार वसुपूज्य के चरण चिन्ह अभी भी मंदार पर्वत के शिखर पर धिष्ठापित है। हालांकि वैष्णव मतावलंबियों में यह चिह्न, विष्णुपाद चिह्न के रूप में मान्य और पूज्य है।
सफा धर्म और मंदार
सफा धर्म बीसवीं सदी में एक स्थानीय सुधारक एवं धर्म प्रचारक श्री चन्दर दास जी द्वारा प्रवर्तित मता है। इस मत का प्राणतत्व है, बाह्य आचरण के साथ-साथ अपने अन्तर्मन की शुद्धता पर जोर। इस मत के सुधारवादी संदेश के कारण आस-पास के आदिवासी जनसमुदाय में इसे काफी लोकप्रियता प्राप्त हुई और बड़ी संख्या में संथाल और पहड़िया जैसे वनवासी समुदाय के लोग, इस मत के सत्संग में हिस्सा लेने लगे। इस धर्म के गतिविधियों का केन्द्र भी मंदार पर्वत अंचल ही रहा। इस प्रकार मंदार पर्वत तीन धर्मों की त्रिवेणी से सज्जित है। इसके चरणस्थली में सफा धर्म के केंद्र के रूप में सत्संग कुटिया अवस्थित है, तो मध्य भाग में नरसिंह गुफा के रूप में वैष्णव प्रभाव स्पष्ट होता है। वहीं, मंदार पर्वत का शिखर वसुपज्य के निर्वाण स्थल के रूप में एक जैन तीर्थ के रूप में स्थापित है। किन्तु, इन तीनो धर्मों को मंदार ने अपने अंचल में इस सौहार्द के साथ समेटा है कि एक ही चिन्ह को जैन मतावलंबी वसुपूज्य के चरण चिन्ह के रूप में, वैष्णव विष्णु पद मान कर के सदियों से पूजते आ रहे हैं। इसी पौराणिक मंदार पर्वत पर नवनिर्मित आकाशीय रज्जु पथ का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने, बीते मंगलवार को रिमोट का बटन दबा कर उद्घाटन किया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिलापट्ट का भी अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने आकाशीय रज्जु पथ से मंदार पर्वत के शीर्ष पर पहुँच कर जैन मंदिर में भगवान महावीर की पूजा-अर्चना कर बिहार वासियों के सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। जैन मंदिर के दर्शन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने मंदार पर्वत के आसपास बसे इलाकों के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने मंदार पर्वत पर स्थित सीता कुंड का भी निरीक्षण किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस जगह पर रोपवे का निर्माण हुआ है। इसके उद्घाटन का आज मुझे अवसर मिला है। यह जगह ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का है। इसका काफी पौराणिक महत्व है।

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सोनपुर मेले के आयोजन के लिए उप मुख्यमंत्री से मिले भाजपा नेता ओम कुमार सिंह https://frontheadlines.com/sonpur-mela/ https://frontheadlines.com/sonpur-mela/#respond Thu, 23 Sep 2021 17:39:00 +0000 https://frontheadlines.com/?p=192 मुकेश कुमार सिंहपटना (बिहार) : बिहार के सुप्रसिद्ध सोनपुर मेले के आयोजन की मांग को लेकर वरीय भाजपा नेता सह अधिवक्ता ओम कुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज  पटना में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी से मिला तथा उनसे गुहार लगाई के इस वर्ष सोनपुर मेला आयोजन की प्रशासनिक अनुमति प्रदान की जाए। उप …

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मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : बिहार के सुप्रसिद्ध सोनपुर मेले के आयोजन की मांग को लेकर वरीय भाजपा नेता सह अधिवक्ता ओम कुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज  पटना में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी से मिला तथा उनसे गुहार लगाई के इस वर्ष सोनपुर मेला आयोजन की प्रशासनिक अनुमति प्रदान की जाए। उप मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि मेले का आयोजन पिछले वर्ष भी नहीं हो पाया था, जिसके कारण हजारों परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति कायम हो गई है। कोरोना की भयावहता इस समय काफी कम है। इस कारण से मेले का आयोजन जनहित में होना चाहिए ‌। उप मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा के शिष्टमंडल को आश्वासन दिया गया कि सोनपुर मेले के विषय में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस विषय पर बात करेंगे और उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि इस साल सोनपुर मेला लगाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगी। वरीय भाजपा नेता सह अधिवक्ता ओम कुमार सिंह के नेतृत्व में सोनपुर से भाजपा जदयू के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बिहार की मुख्यमंत्री रेणु देवी से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजन सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष स्वर्ण प्रकोष्ठ जदयू विनोद कुमार सिंह, नगर अध्यक्ष भाजपा मुकेश कुमार सिंह, राज्य परिषद सदस्य नंदकिशोर सिंह, पिंटू कुमार, रजनीश कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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आखिर अयांश की जिंदगी बचाने की मुहिम को रोक कर, क्या होगा हासिल ? https://frontheadlines.com/aayansh-latest-news/ https://frontheadlines.com/aayansh-latest-news/#respond Thu, 23 Sep 2021 17:14:54 +0000 https://frontheadlines.com/?p=189 किसी मासूम की जिंदगी को अधर में लटकाना, कतई नहीं हो सकती खोजी पत्रकारिता जीवन और मौत से जूझ रहा है नन्हा अयांशवरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंहपटना (बिहार) : बिहार के पटना का लगभग ग्यारह महीने का अयांश, कातर आंखों से लोगों को, इस उम्मीद से देख रहा है कि सभी मिल कर उसकी जिंदगी को …

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किसी मासूम की जिंदगी को अधर में लटकाना, कतई नहीं हो सकती खोजी पत्रकारिता 
जीवन और मौत से जूझ रहा है नन्हा अयांश
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : बिहार के पटना का लगभग ग्यारह महीने का अयांश, कातर आंखों से लोगों को, इस उम्मीद से देख रहा है कि सभी मिल कर उसकी जिंदगी को बचा लेंगे। मासूम अयांश, अति दुर्लभ बीमारी एसएमए टाईप 1 से ग्रसित है। अयांश को बचाने के लिए, बिहार के कई पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन और कई अन्य लोगों ने अगस्त महीने के शुरू से ही एक बड़ा अभियान छेड़ रखा था। सोसल प्लेटफॉर्म के जरिये क्राउड फंडिंग किये जा रहे थे। इस क्राउड फंडिंग के माध्यम से काफी तेजी से सात करोड़ रुपये जमा हो गए। लेकिन दुर्भाग्य और विडम्बना कहिये कि इस क्राउड फंडिंग पर कई तथाकथित कुछ यूट्यूबर पत्रकारों ने अयांश की बीमारी और इस क्राउड फंडिंग पर ही सवाल खड़े कर दिए। इस सवाल से बिहार सहित देश और विदेशों में बसे भारतीय लोगों पर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ा। इन यूट्यूबर पत्रकारों ने अयांश के पिता को बड़ा ठग बताया और उनकी जाति यादव बता कर, क्राउड फंडिंग के गर्म माहौल को शिथिल और ठंढ़ा कर दिया। अयांश के पिता आलोक कुमार सिंह पर एक कोचिंग संस्थान के संचालन में धोखाधड़ी का केस 2011 और 12 में झारखण्ड के राँची और पटना में दर्ज हुए थे। आलोक कुमार सिंह पर पुलिस, या फिर अदालत का कोई दबाब नहीं था लेकिन उनके बेटे की जिंदगी किसी तरह से बच जाए, इसके लिए उन्होंने रांची जिला सत्र न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। आलोक कुमार सिंह को जेल भेज दिया गया है। आलोक कुमार सिंह ने जेल जाते हुए कहा था कि जब तक उनके बेटे को जीवनदान नहीं मिलेगा, वे अपनी जमानत का प्रयास नहीं करेंगे। लेकिन बेशर्मी की इंतहा है कि आलोक कुमार सिंह के जेल जाने के बाद भी, युट्यूबर्स खेमा ने आलोक कुमार सिंह की पत्नी नेहा सिंह और अयांश की बीमारी को लेकर कई तरह की भ्रामक बातों का प्रसार शुरू कर दिया। अयांश का ईलाज पहले बंगलुरू के निमांस हॉस्पिटल में हुआ था। निमांस के द्वारा जारी सर्टिफिकेट पर भी सवाल खड़े किए जाने लगे। थक-हार कर अयांश की माँ एम्स दिल्ली गयी और अयांश को वहाँ दिखलाया। निमांस की तर्ज पर एम्स ने भी अयांश को एसएमए टाईप 1 बीमारी की पुष्टि की। इस बीमारी के लिए 16 करोड़ का अमेरिकी इंजेक्शन लगना है, जिसके लिए क्राउड फंडिंग की जा रही थी। जिस बच्चे को बचाने के लिए पूरे बिहार को एक होना चाहिए था, उसको कुछ युट्यूबर्स ने छिन्न-भिन्न कर डाला। बेचारी माँ, अयांश की बीमारी को सत्यापित करने के लिए सर्टिफिकेट ही बटोर रही है। आलम यह है कि कड़ी धूप में नेहा सिंह, अयांश को लेकर दिन भर, अलग-अलग बाजारों में घूम कर चंदा माँग रही है। अपने बच्चे को बचाने के लिए, नेहा सिंह को कोई रास्ता ही नहीं दिख रहा है। बेहद शर्मनाक बात है कि नेहा सिंह धूप में अयांश को लेकर ऐसे घूमती रही, जिसके परिणामस्वरूप तीन दिन पहले उसे बुखार हो गया और उसका ऑक्सीजन लेवल 80 के आस-पास आ गया। नेहा सिंह ने अयांश को पटना के उद्द्यन अस्पताल में भर्ती कराया। अयांश को निमोनिया हो गया है। गम्भीर बीमारी से जूझते अयांश को निमोनिया होना, बेहद दुःखद है। नेहा सिंह काफी परेशान हैं और लगातार रोती रहती हैं। हमने नेहा सिंह से मोबाईल के जरिये बात की। नेहा सिंह ने रोते हुए अयांश की खराब स्थिति के बारे में हमें बताया। नेहा सिंह ने कहा कि जब तक क्राउड फंडिंग नहीं होगी, अयांश नहीं बच पायेगा। नेहा ने हमसे कहा कि हम कुछ ऐसा करें जिससे फिर से क्राउड फंडिंग शुरू हो जाये। अयांश की ताजा स्थिति से हम भी बेहद दुःखी हैं। हम इस खबर के जरिये, उन तमाम युट्यूबर्स से आग्रह करते हैं कि जिस किसी भी कारण से उन्होंने, अयांश के मामले में मदद करने और कराने की जगह, तरह-तरह की सर्जरी की है, वे आगे आएं। अब वे सारे युट्यूबर्स और अन्य लोग, जिनकी वजह से क्राउड फंडिंग को झटका लगा है, वे सभी मिल कर, देश के लोगों से अयांश के लिए फंडिंग करने की अपील करें। अगर उन्हें, इस बात का अहसास हुआ है कि खोजी पत्रकारिता के नाम पर उनसे गुनाह हुआ है, तो वे जोरदार क्राउड फंडिंग करा के प्रायश्चित करें। पब्लिसिटी और अयांश के नाम पर धन उगाही की जगह, अयांश के लिए पैसे जमा करने का संकल्प लेने के बाद ही, क्राउड फंडिंग का रास्ता साफ होगा और उसे गति भी मिलेगी। अगर अयांश की जिंदगी नहीं बच पाती है तो, इसके लिए जो-जो गुनहगार होंगे, ईश्वर उन्हें कभी भी माफ नहीं करेंगे।

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