वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : बिहार सहित देश के सभी राज्यों में जातीय जनगणना कराने के लिए अलग-अलग दलों के सुप्रीमों के साथ 11 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुका है। प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने अपने-अपने तरीके से पीएम के सामने, जातीय जनगणना की जरूरत को लेकर अपनी बात रखी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के जरिए केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश में जातीय जनगणना नहीं कराई जाएगी। यानि प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात और उनकी बातों को पीएम ने एक तरह से खारिज कर दिया है। ऐसे में, नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड को इस मसले पर कोई कड़ा स्टैंड लेना चाहिए था लेकिन पार्टी कोई भी मजबूत स्टैंड नहीं ले पा रही है। यह सच है कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड फिलहाल आंदोलन के लिए, कहीं से भी तैयार नजर नहीं आ रही। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश का इंतजार किए बगैर जातीय जनगणना के मसले पर आंदोलन की रूपरेखा तय करने का मन बना लिया है। पिछले दिनों आरजेडी की बैठक को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद यादव ने भी इस बात का एलान किया था। लालू रसद यादव ने ट्वीट के जरिये केंद्र सरकार और भाजपा पर भी निशाना साधा था।
लालू प्रसाद यादव, हर हाल में जातीय जनगणना के पक्ष में लगातार बयान दे रहे हैं। लालू प्रसाद यादव के बेटे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना कराने के लिए अपनी कमर को पूरी तरह से कस लिया है। उनके बयानों से पहले ही स्पष्ट है कि उनकी पार्टी इस मसले पर आंदोलन करेगी। आरजेडी में आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए, तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के जिलाध्यक्षों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। आगामी 4 और 5 अक्टूबर को आरजेडी के जिलाध्यक्षों के साथ-साथ प्रधान महासचिवों और प्रखंड अध्यक्षों की बैठक, पटना में बुलाई गई है। वैसे, आधिकारिक तौर पर इन सभी को पार्टी के प्रशिक्षण शिविर के लिए बुलाया गया है लेकिन इसी दौरान जातीय जनगणना को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तय होगी। गौरतलब है कि जातीय जनगणना के मसले पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ खड़े रहे हैं। इसी वजह से, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार विधानमंडल का एक शिष्टमंडल जब प्रधानमंत्री से मिलने गया तो, वहाँ तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार के साथ थे। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के सामने खुद कहा था कि वह तेजस्वी यादव के कहने पर उनसे मिलने आए हैं। हालांकि इस मुलाकात का कोई नतीजा नहीं निकला और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए स्पष्ट कर दिया कि जातीय जनगणना नहीं कराई जा सकती है। अब आगे यह देखना होगा कि तेजस्वी यादव इस मसले पर आंदोलन कर के, पॉलिटिकल माईलेज लेते हैं, या जेडीयू भी उनके पीछे, या साथ आता है। दीगर बात है कि बिहार की राजनीति जाति और धर्म के इर्द-गिर्द मंडराती रही है। ऐसे में, जातीय जनगणना का मामला बिहार के लिए हॉटकेक बन गया है।